भाजपा नेता देवेंद्र फणडवीस (Devendra Fadnavis) ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि फोन टैपिंग के आरोपों के संबंध में राज्य के मुख्य सचिव सीताराम कुंटे द्वारा महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) को सौंपी गई तथ्यान्वेषी रिपोर्ट में कई खामियां हैं. कथित पुलिस ट्रांसफर रैकेट को लेकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (CM Uddhav Thackeray) ने कुंटे को रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा था. फडणवीस ने आरोप लगाया था कि राज्य सरकार ने ‘ट्रांसफर घोटाला' के संबंध में आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला के पत्र या रिपोर्ट को दबा दिया था. कुंटे की रिपोर्ट में कहा गया है कि पत्र पर अति गोपनीय लिखा होने के बाद भी रश्मि शुक्ला ने पत्र को लीक कर दिया, जो बहुत गंभीर मामला है और यदि यह साबित होता है, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सकती है.
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फडणवीस ने इस संबंध में शुक्रवार को दावा किया कि रिपोर्ट खामियों से भरी है और फोन कॉल को टैप करने के लिए पर्याप्त प्रावधान हैं लेकिन सरकार इसे स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है. उन्होंने कहा कि तत्कालीन डीजीपी सुबोध जायसवाल ने पुलिस अधिकारियों और अन्य लोगों के बीच बातचीत के आधार पर सीआईडी जांच की (कथित ट्रांसफर घोटाले में) सिफारिश की थी. उनकी सिफारिशों पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई?"
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‘अति गोपनीय' पत्र के लीक होने के बारे में पूछे जाने पर विधानसभा में विपक्ष के नेता ने कहा, "मैंने केवल दो पृष्ठों के पत्र (शुक्ला के पत्र से संबंधित) को साझा किया है जबकि राज्य में मंत्री नवाब मलिक ने इसके कुछ पृष्ठों को लीक किया था. मलिक से रिपोर्ट मिलने के बाद कुछ पत्रकारों ने भी मुझसे संपर्क किया था.'' उन्होंने कहा कि अगर कोई कार्रवाई की जानी है तो यह मलिक के खिलाफ की जानी चाहिए.
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