उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद में श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद में मंगलवार को अखिल भारत हिन्दू महासभा की ओर से जिला जज की अदालत में रिवीजन अर्जी पेश कर ग्रीष्मावकाश के दौरान कोर्ट कमीशन नियुक्त किए जाने की मांग की गई, जिस पर अदालत ने सुनवाई के लिए आठ जुलाई की तारीख तय की है.
जिला सरकारी वकील संजय गौड़ ने बताया, 'अतिरिक्त जिला न्यायाधीश संजय चौधरी ने पुनरीक्षण आवेदन के निस्तारण के लिए आठ जुलाई की तिथि निर्धारित की है.'
अखिल भारत हिन्दू महासभा की ओर से पेश हुये अधिवक्ता देवकीनन्दन शर्मा ने बताया, विगत 13 मई को सिविल जज की अदालत में ग्रीष्मावकाश होने से पूर्व ही ईदगाह परिसर के मुआयने के लिए कोर्ट कमीश्नर नियुक्त करने की मांग की गई थी, परंतु उस पर निर्णय न कर एक जुलाई की तारीख दे दी गयी.
इसलिए मंगलवार को जनपद न्यायालय में जिला जज राजीव भारती के समक्ष पुनरीक्षण याचिका की अर्जी पेश की गई. उनसे मांग की गई थी कि प्रतिवादी पक्ष अवकाश के दिनों में ईदगाह परिसर में मौजूद सनातन धर्म से जुड़े साक्ष्यों को नष्ट-भ्रष्ट करने का प्रयास कर सकते हैं, इसलिए इस अवधि में सर्वे कराकर रिपोर्ट मंगवा लें. इस पर जिला जज ने आठ जुलाई की तिथि नियत कर दी है.
दूसरे मामले में सिविल जज सीनियर डिवीजन में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष एडवोकेट महेंद्र प्रताप सिंह द्वारा पेश की गई एक अन्य याचिका में श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद से संबंधित एक ही प्रकृति के मामलों को एक साथ सुने जाने की प्रार्थना पर एक जुलाई को सुनवाई की जाएगी.
इसके अलावा, श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्याय के अध्यक्ष एडवोकेट महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि उन्होंने अधिवक्ता श्रीभगवान शर्मा के माध्यम से सिविल जज सीनियर डिवीजन ज्योति सिंह की अदालत में अर्जी देकर श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर की 13.37 एकड़ भू-सम्पति से संबंधित सभी मामलों के तथ्य तथा उनकी प्रकृति एक ही समान होने के कारण सभी मामले को एक साथ सुने जाने की मांग रखी, जिस पर सुनवाई के लिए एक जुलाई की तारीख तय की गई है.
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