गर्मी बढ़ने के साथ ही दिल्ली में बिजली की अधिकतम मांग 6,916 मेगावॉट तक पहुंची

दिल्ली में पिछले साल गर्मी में बिजली की अधिकतम मांग 7,695 मेगावॉट रही थी. जिसका इस साल 8,100 मेगावॉट तक पहुंचने का अनुमान है.

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प्रतीकात्म चित्र
नई दिल्ली:

राजधानी दिल्ली में इन दिनों गर्मी सितम ढाह रही है. दिल्ली में बढ़े पारा की वजह से बिजली की मांग भी बढ़ गई है. मंगलवार को दिल्ली में बिजली की मांग 6916 मेगावॉट तक पहुंच गई. यह इस गर्मी में अब तक की सर्वाधिक मांग हैं. वितरण कंपनियों के अनुसार, मंगलवार को दोपहर साढ़े तीन बजे बिजली की अधिकतम मांग 6,916 मेगावॉट पर पहुंच गई जबकि सोमवार को 6,532 मेगावॉट थी.

इससे पहले, पिछले साल गर्मी में बिजली की अधिकतम मांग 7,695 मेगावॉट रही थी. जिसका इस साल 8,100 मेगावॉट तक पहुंचने का अनुमान है. दिल्ली के उत्तरी भाग में बिजली वितरण करने वाली टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लि. ने एक बयान में कहा कि कंपनी ने अपने क्षेत्र में 2,012 मेगावॉट की अधिकतम मांग को सफलतापूर्वक पूरा किया है. इस मौसम में उसके क्षेत्र में बिजली की अधिकतम मांग 2,320 मेगावॉट पहुंचने का अनुमान है. कंपनी ने इसको ध्यान में रखते हुए 2,500 मेगावॉट की अतिरिक्त बिजली की व्यवस्था पहले से ही करके रखी है. 

वहीं, बीएसईएस के प्रवक्ता ने कहा कि बीएसई राजधानी पावर लि. और बीएसईएस यमुना पावर लि. के क्षेत्रों में बिजली की अधिकतम मांग क्रमश: 2,934 मेगावॉट और 1,525 मेगावॉट रही और इसे सफलतापूर्वक पूरा किया गया. इस महीने दिल्ली की अधिकतम बिजली मांग में उतार-चढ़ाव देखने को मिला. एक मई को मांग 3,644 मेगावॉट थी जो आज 6,916 मेगावॉट पर पहुंच गई.

दिल्ली में बिजली की मांग बढ़ने का प्रमुख कारण एयर कंडीशनर, कूलर जैसे उपकरणों का उपयोग है. एक अनुमान के अनुसार गर्मियों में बिजली की करीब 50 प्रतिशत मांग ठंडा करने वाले उपकरणों की वजह से है.

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