दिल्ली में जारी रहेगा सर्दी का सितम, कल कड़ाके की ठंड के साथ कोहरे के आसार

दिल्ली में भीषण ठंड और कोरोना के कहर के बीच जनजीवन पर भी असर पड़ा है. ज्यादातर इलाकों में शाम होते ही सन्नाटा पसरा दिखाई दिया. कोरोना के वीकेंड कर्फ्यू के कारण भी आम आदमी की जिंदगी पर असर पड़ा है. 

विज्ञापन
Read Time: 14 mins
दिल्ली में इस बार भीषण ठंड लोगों को रुला रही है
नई दिल्ली:

दिल्ली में सर्दी का सितम (Delhi Weather Today) अगले कुछ दिनों तक इसी तरह जारी रहने की संभावना है. मौसम विभाग का कहना है कि शीत लहर का प्रकोप इसी तरह दिल्ली एनसीआर समेत उत्तर भारत के तमाम इलाकों में जारी रहेगा. तापमान में सामान्य उतार-चढ़ाव देखा जा सकता है. हालांकि सोमवार को हल्के से लेकर घना कोहरा भी देखने को मिल सकता है.दिल्ली में अधिकतम तापमान 17.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो कि सामान्य से 3 डिग्री कम था. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने रविवार को ये बताया. सफदरजंग वेधशाला में न्यूनतम तापमान 8.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. यह सर्दी के इस मौसम में सामान्य से एक डिग्री ज्यादा था.

शाम 5.30 बजे आर्द्रता 70 प्रतिशत दर्ज रही. मौसम विभाग का कहना है कि सोमवार सुबह आसमान में हल्के बादल छाए रहेंगे. सुबह हल्के से लेकर घना कोहरा छाये रहने की आशंका है. दिल्ली में सोमवार को अधिकतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस जबकि न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस रहने का पूर्वानुमान है.दिल्ली में शनिवार को कोल्ड डे की स्थिति घोषित की गई थी. कल 14.8 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया था, जो इस सीजन का सबसे कम तापमान था. साथ ही घना कोहरा भी देखने को मिला था.

मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, कोल्ड डे की स्थिति तब होती है, जब न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से कम होता है औऱ अधिकतम तापमान सामान्य से 4.5 डिग्री कम रहे. दिल्ली में शाम 6.06 बजे वायु प्रदूषण का हाल बताने वाला एक्यूआई 261 दर्ज किया गया. फरीदाबाद में एक्यूआई 302, गाजियाबाद में 258, ग्रेटर नोएडा में 238 और गुरुग्राम में 188 दर्ज किया गया.

Advertisement

दिल्ली में भीषण ठंड और कोरोना के कहर के बीच जनजीवन पर भी असर पड़ा है. ज्यादातर इलाकों में शाम होते ही सन्नाटा पसरा दिखाई दिया. कोरोना के वीकेंड कर्फ्यू के कारण भी आम आदमी की जिंदगी पर असर पड़ा है. 

Advertisement
Featured Video Of The Day
Supreme Court On Citizenship Act: SC के ऐतिहासिक फ़ैसले के क्या हैं मायने, कहां तक दिखेगा असर?
Topics mentioned in this article