'लौट आओ ना...': बेबी केयर सेंटर आग हादसे के 5 पीड़ित परिवारों की दर्दनाक कहानी

Delhi Hospital Fire Tragedy: इस दर्दनाक घटना में जान गंवाने वाले बच्चों में चार लड़के और तीन लड़कियां शामिल हैं. 25 दिन के एक बच्चे को छोड़कर अन्य सभी महज 15 दिन के थे.

Advertisement
Read Time: 3 mins
Delhi Hospital Fire: पुलिस ने कहा कि शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए जीटीबी अस्पताल भेज गया है.
नई दिल्ली:

दिल्ली के विवेक विहार स्थित 'बेबी केयर न्यू बॉर्न अस्पताल' में लगी आग में सात नवजात शिशुओं की मौत हो गई. शनिवार रात करीब 11.30 बजे बेबी केयर न्यू बॉर्न अस्पताल में आग लगने के संबंध में एक पुलिस नियंत्रण कक्ष (पीसीआर) कॉल विवेक विहार पुलिस स्टेशन को प्राप्त हुई थी, जिसके बाद एक पुलिस टीम मौके पर पहुंची और 12 बच्चों को  अस्पताल से निकाला गया. जिनमें से सात की आग में झुलसकर मौत हो गई. घायल पांच शिशु दूसरे अस्पताल में उपचाराधीन हैं. जबकि शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए जीटीबी अस्पताल भेज गया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है. 

Advertisement

घरवाले कर रहे थे बच्ची के आने का इंतजार

बुलंदशहर के एक किसान रितिक चौधरी का नवजात भी इस अस्पातल में था. रितिक चौधरी के मुताबिक पिछले एक हफ्ते से वो रोजाना अपने बच्चे को देखने के लिए विवेक विहार स्थित बेबी केयर न्यू बोर्न हॉस्पिटल जा रहे थे. उनके बच्चे को सांस लेने में कठिनाई और अन्य समस्याएं हो रही थीं. अस्पताल से बच्चे को छुट्टी मिलने वाली थी. अपने बच्चे को वापस घर ले जाते, उससे पहले ही ये दर्दनाक हादसा हो गया.

रितिक चौधरी को इस हादसे के बारे में चचेरे भाई से पता चला. वह तुरंत अस्पताल पहुंचे. लेकिन मरने वालों में उनका बच्चा भी शामिल था. चौधरी ने अभी तक अपनी पत्नी और परिवार को ये दर्दनाक सूचना नहीं दी है.

Advertisement

बेटी को एक बार देखा तक नहीं...

पुलिस कांस्टेबल पवन कसाना की बेटी महज छह दिन की थी. उसे संक्रमण के चलते जन्म लेने के बाद तुरंत यहां भर्ती किया गया था. बागपत के रहने वाले 27 वर्षीय पवन कसाना चुनाव ड्यूटी पर थे. जब उनकी बेटी का जन्म हुआ था. उन्होंने उसे एक बार भी नहीं देखा था. परिवार ने अभी तक बच्चे की मां भारती को इस बच्ची की मौत के बारे में बताया नहीं है.

Advertisement

छुट्टी मिलने वाली थी लेकिन...

टाइम्स ऑफ इंडिया से गाजियाबाद के 26 वर्षीय राजकुमार ने अपनी कहानी साझा की. उन्होंने बताया कि " कुछ दिन पहले ही उन्होंने अपने बच्चे को भर्ती करवाया था. उसे बुखार था. आज छुट्टी मिलनी थी. लेकिन ये दर्दनाक हादसा हो गया.  राजकुमार का परिवार प्रार्थना कर रहा था कि उनकी बच्ची जीवित हो, लेकिन पुलिस ने कहा कि वे डीएनए मैच के बाद ही वो कई पुष्टि कर सकते हैं.

Advertisement

अल्लाह को प्यारी हो गई मेरी बेटी...

11 दिन की बेटी रूही को खोने वाले पिता ने कहा कि उनकी बेटी अल्लाह को प्यारी हो गई. मेरी बेटी का जन्म 15 मई को दूसरे अस्पताल में हुआ था. चिकित्सा निगरानी के लिए 72 घंटे तक ‘चाइल्ड केयर' अस्पताल में भर्ती किया था. रूही की मां ने कहा, ‘‘कल बच्ची से मिलने लाई थी. आज हमें आग लगने की खबर मिली."

Advertisement

खो दी पहली संतान...

मरने वाले शिशुओं में से एक के रिश्तेदार परविंदर कुमार ने कहा, ‘‘हमने अभी तक बच्ची की मां को भी कुछ नहीं बताया. पवन कुमार का ये पहला बच्चा था. रिश्तेदार ने कहा हमें नहीं पता कि घटना कैसे हुई.

ये भी पढ़ें-  राजकोट गेमिंग जोन में 32 जानें लेने वाली वह चिंगारी उठी कहां से थी, देखिए CCTV वीडियो

Video : दिल्ली बेबी केयर सेंटर आग हादसे में 2 डॉक्टर गिरफ्तार

Featured Video Of The Day
Madhya Pradesh: जेल में बंद कैदियों के लिए बिल लाने पर लगी मुहर | Mohan Yadav