- अंबेडकर कॉलेज में प्रोफेसर सुजीत सिंह को डूटा की जॉइंट सेक्रेटरी दीपिका झा ने कॉलेज परिसर में थप्पड़ मारा.
- प्रोफेसर सुजीत सिंह ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और विश्वविद्यालय शिक्षक समुदाय ने इस हिंसा की कड़ी निंदा की.
- डूटा ने कुलपति को पत्र लिखकर दोषियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई और कॉलेज में अनुशासन बहाल करने की मांग की.
उत्तर पूर्वी दिल्ली के अंबेडकर कॉलेज के प्रोफेसर सुजीत सिंह को डूसू की जॉइंट सेक्रेटरी दीपिका झा ने थप्पड़ मार दिया. अंबेडकर कॉलेज के प्रिंसिपल और ज्योति नगर थाने के SHO और बाकी पुलिसकर्मियों के सामने ये घटना हुई. घटना का सीसीटीवी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. प्रोफेसर सुजीत सिंह ने मामले की शिकायत पुलिस से की है. इस घटना की विश्वविद्यालय के शिक्षक समुदाय ने व्यापक निंदा की है.
पीड़ित प्रोफेसर सुजीत कुमार कॉलेज की अनुशासन समिति के संयोजक हैं. डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (डीटीएफ) द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, समिति परिसर में हुई हिंसा की हालिया घटनाओं की जांच कर रही थी, जिसमें कथित तौर पर एबीवीपी सदस्यों द्वारा अन्य छात्रों पर हमला किया गया था.
डूटा का बयान
दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) ने कुलपति को पत्र लिखकर त्वरित और निर्णायक कार्रवाई की मांग की है. आक्रोश व्यक्त करते हुए, डूटा ने पत्र में कहा, "हमें यह जानकर बहुत दुःख हुआ है कि बीआर अंबेडकर कॉलेज के एक वरिष्ठ फैकल्टी मेंबर को उनके आधिकारिक कर्तव्यों का पालन करते समय कॉलेज के अंदर छात्रों के एक समूह ने थप्पड़ मारा और उन पर हमला किया. इस तरह की हिंसा का किसी भी शैक्षणिक संस्थान में कोई स्थान नहीं है और यह शिक्षक समुदाय की गरिमा का सीधा अपमान है. इस घटना से शिक्षकों और छात्रों दोनों में भय और असुरक्षा का माहौल पैदा होता है."
एसोसिएशन ने विश्वविद्यालय प्रशासन से गहन जांच करने और कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का आग्रह किया. पत्र में आगे कहा गया, "हम दोषियों के खिलाफ तत्काल और कड़ी कार्रवाई की मांग करते हैं ताकि यह स्पष्ट संदेश जाए कि अनुशासनहीनता और अराजकता बर्दाश्त नहीं की जाएगी."
दीपिका झा का बयान
उधर, दीपिका झा ने कहा कि प्रोफेसर कुमार के कथित दुर्व्यवहार को लेकर छात्रों ने उनसे मदद मांगी थी तो उन्होंने परिसर का दौरा किया था. छात्रों का दावा था कि यह सब राजनीतिक पूर्वाग्रह से प्रेरित था. दीपिका झा ने एनडीटीवी को बताया, "प्रिंसिपल के कार्यालय में, और यहां तक कि पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में भी, प्रोफ़ेसर कुमार ने मुझे गालियां दीं और धमकाया." उन्होंने आरोप लगाया, "मैंने बार-बार अधिकारियों से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया, लेकिन वे चुप रहे. उनके आक्रामक व्यवहार, लगातार घूरने और अनुचित टिप्पणियों से साफ़ ज़ाहिर हो रहा था कि वे शराब के नशे में थे." झा ने कहा कि उन्होंने परेशानी और गुस्से में ऐसा किया. उन्होंने कहा, "मैं स्वीकार करती हूं कि मैंने आवेग में आकर ऐसा किया और मुझे अपनी प्रतिक्रिया पर पछतावा है. मैं शिक्षक समुदाय से तहे दिल से माफ़ी मांगती हूं; मेरा कभी भी शिक्षकों का अनादर करने का इरादा नहीं था. लेकिन एक छात्र प्रतिनिधि होने के नाते, प्रोफ़ेसर कुमार के बार-बार के अपमानजनक व्यवहार और डराने-धमकाने वाले व्यवहार ने मुझे असुरक्षित महसूस कराया." छात्र नेता ने आगे कहा कि उनकी चिंता मुख्य रूप से परिसर में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर है. उन्होंने कहा, "कॉलेज प्रशासन से मेरी बस यही अपील है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी कर्मचारी या व्यक्ति शराब के नशे में या राजनीतिक पूर्वाग्रह से प्रेरित होकर दोबारा कॉलेज परिसर में न आए."
एनएसयूआई का बयान
एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी ने कथित हमले की निंदा करते हुए कहा, "पुलिस के सामने एक प्रोफेसर पर यह हमला शैक्षणिक समुदाय की गरिमा पर हमला है. हम इसमें शामिल लोगों की तत्काल गिरफ्तारी और परिसर में अनुशासन बहाल करने के लिए सख्त कार्रवाई की मांग करते हैं." किरोड़ीमल कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर रुद्राशीष चक्रवर्ती ने भी इस घटना की आलोचना करते हुए कहा, "भीम राव अंबेडकर कॉलेज की घटनाएं परेशान करने वाली हैं, लेकिन पूरी तरह से अप्रत्याशित नहीं हैं."