लोकसभा में विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच दिल्ली सर्विस बिल गुरुवार को लोकसभा में पारित हो गया. सदन में हंगामा करने के लिए आम आदमी पार्टी के सांसद सुशील कुमार रिंकू को मॉनसून सत्र से निलंबित कर दिया. विपक्षी सांसदों ने मतदान के समय सदन से वॉकआउट किया. विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि जब सदन में हमें अपनी बात रखने का मौका ही नहीं दिया जाएगा तो हम सदन से वॉकआउट करते हैं.
लोकसभा में दिल्ली सेवा बिल को लेकर गुरुवार को बहस हुई. इस दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली सरकार और INDIA गठबंधन पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि दिल्ली में ट्रांसफर पोस्टिंग का कोई मामला नहीं है. दिल्ली में जो मामला है वो ये है कि इसके बहाने विजिलेंश विभाग को अपने अधीन लेना है. ताकि उनके भ्रष्टाचार को उजागर नहीं किया जा सके. मैं तो साफ कह रहा हूं कि जो भी पार्टियां इस समय दिल्ली सरकार के साथ खड़ी हैं वो भ्रष्टाचारियों के साथ खड़े हैं. लेकिन जनता सब देख रही है. मैं इन पार्टियों से कहना चाहता हूं कि आप दिल्ली के बारे में सोचें अपने गठबंधन के बारे में नहीं. क्योंकि चाहे आप कुछ भी कर लें कोई भी गठबंधन बना लें, कोई भी नाम बदल लें लेकिन अगले चुनाव में नरेंद्र मोदी ही एक बार फिर पीएम बनकर आने वाले हैं. जनता ने अपना मन पहले ही बना लिया है.
केंद्र सरकार को है विशेष अधिकार
अमित शाह ने कहा कि मैं इस बिल को लेकर पहले आपको कुछ बताना चाहता हूं. दिल्ली को लेकर अनुच्छेद 239 से 242 इकी कार्यनीति को संवधान में वर्णित किया है. अनुच्छेद 239 एक में विशेष प्रावधान किया गया है दिल्ली विधानसभा सहित एख संघ शासित प्रदेश है. तो दिल्ली ना तो पूर्ण राज्य है. ये राजधानी क्षेत्र है इसे ध्यान में रखते हुए अनुच्छेद 239ए में एक विशेष बात की गई है. कहा गया कि भारत को सरकार को इसके बारे में कानून बनाने का अधिकार नहीं है. मैं इस सदन का अनुचेछ्द 239एए 3 बी में कहा गया है कि इस संसद को दिल्ली संघ राज्य या इसके किसी भाग के बारे में उससे संबंधित किसी भी विशष में कानून बनाने का पूर्ण अधिकार है.
अरविंद केजरीवाल ने अमित शाह पर साधा निशाना
अमित शाह के बयान पर हमला करते हुए दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया है. उन्होंने ट्वीट किया है कि आज लोक सभा में अमित शाह जी को दिल्ली वालों के अधिकार छीनने वाले बिल पर बोलते सुना. बिल का समर्थन करने के लिये उनके पास एक भी वाजिब तर्क नहीं है. बस इधर उधर की फ़ालतू बातें कर रहे थे. वो भी जानते हैं वो ग़लत कर रहे हैं. ये बिल दिल्ली के लोगों को ग़ुलाम बनाने वाला बिल है. उन्हें बेबस और लाचार बनाने वाला बिल है. INDIA ऐसा कभी नहीं होने देगा.
ये भी पढ़ें:-