पेपर स्लिप से कराई गई वोटिंग में बिल के पक्ष में 131 वोट पड़े. विपक्ष में 102 वोट डाले गए.
दिल्ली सर्विस बिल लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी पास हो गया है. राज्यसभा में सोमवार को शाम तक राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 पर चर्चा और बहस होती रही. इसके बाद गृह मंत्री अमित शाह ने इस बिल को लेकर विपक्ष के सवालों का जवाब दिया. सोमवार रात 10 बजे इस बिल पर वोटिंग शुरू हुई. पेपर स्लिप से कराई गई वोटिंग में बिल के पक्ष में 131 वोट पड़े. विपक्ष में 102 वोट डाले गए. अब इस बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. मंजूरी मिलने के बाद यह बिल कानून बन जाएगा. इस बीच अमित शाह ने विपक्ष से कहा कि 11 अगस्त को मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार रहें. आप कहते हैं कि हमें नागपुर से इशारा आता है. नागपुर भारत में ही है. आपको तो रसिया (रूस) और चाइना (चीन) से इशारा आता है.
- केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने राज्यसभा में ये बिल पेश किया. जिसका बीजू जनता दल (BJD) और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (YSRCP) ने भी समर्थन किया. बिल के पक्ष में 131 और विपक्ष में 102 वोट पड़े. राज्यसभा में आप, कांग्रेस के अलावा विपक्षी गठबंधन इंडिया के सभी घटक दलों ने बिल का जोरदार विरोध किया.
- राज्यसभा में विपक्ष के सभी संशोधन प्रस्ताव गिर गए थे. अमित शाह ने राज्यसभा में कहा कि इस बिल का उद्देश्य दिल्ली में भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन सुनिश्चित करना है. बिल के एक भी प्रावधान से, पहले जो व्यवस्था थी, उस व्यवस्था में एक इंच मात्र भी परिवर्तन नहीं हो रहा है.
- शाह ने कहा कि यह बिल पूर्व की तरह प्रधानमंत्रियों की सदस्यता बचाने नहीं लाए. इमरजेंसी लगाने नहीं लाए. कांग्रेस को लोकतंत्र पर बोलने का अधिकार नहीं है. आपने देश को इमरजेंसी दी थी.
- अमित शाह ने अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा, "AAP का जन्म कांग्रेस को गाली देकर हुआ. खरगे साहब आप जिस गठबंधन को बचाने के लिए इस बिल का विरोध कर रहे हैं, सदन के बाद केजरीवाल साहब उससे मुंह मोड़ लेंगे."
- विपक्षी गठबंधन INDIA को लेकर गृह मंत्री ने कहा, "कांग्रेस को पता है कि अकेले कुछ होने वाला नहीं है. इसलिए गठबंधन बना लिया है. केरल में कांग्रेस और लेफ्ट एक दूसरे के खिलाफ है, लेकिन गठबंधन में ईलू-ईलू कर रहे हैं. आप 4-5 दल और जोड़ लें, फिर भी 24 मई 2024 को नरेंद्र मोदी ही प्रधानमंत्री की शपथ लेंगे.
- इस बीच अमित शाह ने कहा- "8 से 10 अगस्त तक लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होनी है, इसलिए विपक्ष मणिपुर पर 11 अगस्त को चर्चा करे. अगर खरगे जी 11 अगस्त को चर्चा के लिए हां कहते हैं, तो मैं भी इसके लिए तैयार हूं.आप कहते हैं कि हमें नागपुर से इशारा आता है. नागपुर भारत में ही है. आपको तो रसिया (रूस) और चाइना (चीन) से इशारा आता है."
- बिल पास होने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा- 'संसद में अमित शाह ने कहा कि हमारे पास कानून पारित करने की शक्ति है. आपको लोगों के लिए काम करने की शक्ति दी गई है, उनके अधिकार छीनने की नहीं.'
- केजरीवाल ने कहा, "साफ जाहिर है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कह रहे हैं कि मैं सुप्रीम कोर्ट को नहीं मानता. दिल्ली की जनता ने आम आदमी पार्टी को जिताकर साफ कहा है कि दिल्ली में दखलंदाजी मत करना, लेकिन मोदी जी जनता की बात नहीं सुनना चाहते हैं."
- अरविंद केजरीवाल ने कहा, "मैं जो भी करता हूं दिल्ली की जनता उसमें मेरा समर्थन करती है और उन्होंने मुझे चुनाव में जीत दिलाकर अपना समर्थन दिखाया है. बीजेपी सिर्फ हमारे अच्छे काम को रोकने की कोशिश कर रही है. इस बार जनता उन्हें कोई भी सीट नहीं जीतने देगी."
- 19 मई को केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बदल दिया था. केंद्र ने दिल्ली में ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार उपराज्यपाल को दे दिया. दिल्ली सर्विस बिल कानून बनने के बाद इसी अध्यादेश की जगह लेगा.