भैया बस ले जाओ… मर्सिडीज जैसी गाड़ियां कौड़ियों में बेच रहे दिल्लीवाले, जानिए पुरानी कार खरीदने वाले ने क्या बताया

सेकंड हैंड लग्जरी कारों का बिजनेस करने वाले लवीश ने बताया कि स्क्रैप पॉलिसी की वजह से दिल्ली के बाहर के लोगों की बहुत कॉल्स आ रही हैं. लोग ढाई-तीन लाख में मर्सिडीज मांग रहे हैं. उनके तो मजे हैं लेकिन इसका दूसरा पहलू ये है कि जिस दिल्ली वाले ने जो कार करोड़ों में खरीदी थी, उसकी वैल्यू ढाई-तीन लाख रह गई है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • दिल्ली में पुरानी डीजल-पेट्रोल गाड़ियों को जब्त करने का अभियान चल रहा है.
  • इससे दिल्ली में पुरानी गाड़ियों के मालिकों में चिंता और पैनिक का माहौल है.
  • कार डीलर बताते हैं कि सस्ते में लग्जरी कार खरीदने के लिए देश भर से फोन आ रहे हैं.
  • मर्सिडीज जीएल जैसी कार बाकी जगह 25-30 लाख की है, दिल्ली में 10-15 में मिल रही है.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
नई दिल्ली:

दिल्ली में 10 साल पुरानी डीजल और 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ियों को जब्त करने के अभियान को लेकर राजधानी के कार मालिकों में पैनिक का माहौल है, वहीं दिल्ली के बाहर के लोगों के लिए सस्ते में लग्जरी गाड़ी अपने घर लाने का सुनहरा मौका बन गया है. दिल्ली में सेकंड हैंड कारों का कारोबार करने वालों ने एनडीटीवी को बताया कि उनके पास देश के अलग-अलग इलाकों से बहुत कॉल्स आ रही हैं. करोड़ों रुपये देकर लग्जरी कार खरीदने वाले अब बस किसी तरह अपनी गाड़ी निकाल देना चाह रहे हैं. उन्हें टैक्स का अलग से नुकसान हो रहा है.

दिल्ली का करोल बाग सेकंड हैंड गाड़ियों की खरीद-बिक्री के लिए मशहूर है. यहां सामान्य से लेकर लग्जरी गाड़ियां तक खूब बिकती हैं. यहां सेकंड हैंड लग्जरी कारों का 40 साल पुराना कारोबार संभाल रहे लवीश बताते हैं कि इस बिजनेस में उनकी तीसरी पीढ़ी है, लेकिन दिल्ली वालों में इतना पैनिक, इतना डर कभी नहीं देखा. 

उन्होंने एनडीटीवी से बातचीत में बताया कि चाहे आम गाड़ियां हों या लग्जरी, पुरानी गाड़ियों के मालिक इस वक्त पैनिक मोड में हैं. जिनकी गाड़ी की मियाद पूरी होने वाली है, वो उसे बेचने के लिए कुछ भी कर रहे हैं. उनका कहना है, बस ये गाड़ी ले जाओ. जितना दाम देना है, दे दो क्योंकि हमारे लिए तो कुछ दिन बाद ये कबाड़ हो जाएगी. उनका कहना है कि इतना पैनिक न तो दिल्ली वालों के लिए और न ही बिजनेस व इकोनमी के लिए ठीक है. 

लवीश कहते हैं कि हर मिडिल क्लास आदमी का सपना होता है कि उसके पास एक गाड़ी हो. लेकिन आज उसकी कीमत क्या रह गई है. हालत ये है कि एक-डेढ़ करोड़ की गाड़ियां स्क्रैप हो गई हैं. उन्होंने 2016 मॉडल की एक मर्सिडीज GLS दिखाते हुए कहा कि डेढ़ करोड़ की ये गाड़ी मुंबई, बेंगलुरू, पंजाब जैसे देश के बाकी किसी भी हिस्से में 25-30 लाख से कम में नहीं मिलेगी, लेकिन दिल्ली में इसकी कीमत सिर्फ 12-13 लाख रह गई है. 

उन्होंने कहा कि जब शोरूम से गाड़ी निकलती है तो सरकार 15 साल का टैक्स लेती है. लेकिन 10 साल में ही उसी गाड़ी को स्क्रैप बना दिया गया है. दिल्ली में भले ही 10 साल में डीजल गाड़ी कबाड़ घोषित कर दी गई हो, लेकिन देश के बाकी हिस्सों में अभी भी वैलिड तरीके से उसे पांच साल और चलाया जा सकता है. देखा जाए तो दिल्ली के जिन लोगों ने 15 साल का टैक्स पहले से दे रखा है, उन्हें गाड़ी की कीमत घटने के साथ-साथ 5 साल के इस टैक्स का भी नुकसान हो रहा है. 

Advertisement

उन्होंने बताया कि दिल्ली में इस स्कीम की वजह से बाहर के लोगों की बहुत कॉल आ रही हैं. लोग कह रहे हैं, ढाई लाख तीन लाख में मर्सिडीज दे दो. उनके तो मजे हैं कि इतने कम दाम में उनके घर मर्सिडीज आ जाएगी. लेकिन इसका दूसरा पहलू ये है कि जिस गाड़ी मालिक ने ये कार करोड़ों में ली, उसकी वैल्यू ढाई-तीन लाख रह गई है. 

Featured Video Of The Day
Nepal Protest: आंदोलन की आग में जला सिंह दरबार, अब दिख रहे सिर्फ तबाही के निशान | GROUND REPORT
Topics mentioned in this article