राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण से निपटने और जलवायु परिवर्तन के बारे में बच्चों में जागरुकता बढ़ाने के लिए दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय ने अपने स्कूलों को इस संबंध में गतिविधियां आयोजित करने का निर्देश दिया है. दिल्ली के शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी एक आदेश के मुताबिक शिक्षा विभाग के सभी उप निदेशक (डीडीई)-जिला से अनुरोध किया गया है कि वे दो प्रमुख निजी स्कूलों और दो सरकारी स्कूलों को वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के बारे में संवेदनशील बनाने के लिए शुरुआती संपर्क बिंदु के रूप में नामित करें और नामांकित स्कूलों का विवरण 26 दिसंबर तक निदेशालय की विज्ञान शाखा को भेजें.
बच्चों को इन मुद्दों को लेकर संवेदनशील बनाने संबंधी अभियान के तहत स्कूल परिसरों में वृक्षारोपण अभियान, छात्रों के लिए स्कूल बसों के उपयोग को बढ़ावा देना शामिल है. इसके अलावा निजी वाहनों के उपयोग से बचना और प्रदूषण फैलाने वाले स्रोतों के उत्सर्जन को कम करने और स्कूली बच्चों में जोखिम को कम करने के लिए स्कूल परिसरों के आसपास ‘नो ट्रैफिक जोन' बनाने जैसी गतिविधियां शामिल हैं.
सप्ताह में एक या दो बार कर्मचारियों के लिए वाहन-मुक्त दिवस मनाना और स्कूलों में गीली पोछा लगाना भी सुझाए गए उपायों में से एक है. स्कूल के अधिकारियों को वायु प्रदूषण और इसके प्रभाव पर जागरुकता बढ़ाने के लिए परिचर्चा, चित्रकारी प्रतियोगिता, प्रश्नोत्तरी, बहस और नाटक आयोजित करने का भी निर्देश दिया गया है.
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के जलवायु परिवर्तन एवं मानव स्वास्थ्य पर राष्ट्रीय कार्यक्रम के उप निदेशक के निर्देश पर यह आदेश जारी किया गया है.
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