देश की राजधानी दिल्ली में सड़क दुर्घटनाओं में 3.22 फ़ीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. 'दिल्ली रोड क्रैश रिपोर्ट 2023' के मुताबिक हर दिन औसतन 16 सड़क दुर्घटनाएं दिल्ली में हुई जिनमें प्रतिदिन चार लोगों की मौत हो गई. मरने वालों में सबसे अधिक 43 फीसदी पैदल चलने वाले तो वहीं 38 फ़ीसदी हिस्सेदारी के साथ दूसरे नंबर पर दो-पहिया वाहन चालक थे.
5.2 फ़ीसदी तक बढ़ी ज़ख़्मी होने वालों की संख्या
इन दुर्घटनाओं में जख्मी होने वालों की संख्या 5.2 फ़ीसदी तक बढ़ गई है. हालांकि मरने वालों की संख्या तकरीबन उतनी ही रही.
जहां साल 2022 में दिल्ली में सड़क दुर्घटनाओं में 1461 लोगों ने अपनी जान गंवा दी, वहीं साल 2023 में इसमें 0.27 फ़ीसदी की मामूली गिरावट देखी गई और 1457 लोगों की मौत हुई.
शाम 7 बजे से रात 12 बजे तक होती हैं ज़्यादा दुर्घटनाएं
रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि शाम के 7:00 बजे से लेकर रात के 12:00 बजे के बीच सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि हो जाती है. सबसे ज्यादा जानलेवा हादसे रात के 11:00 बजे से लेकर 12:00 के बीच होते हैं. दिल्ली में 50 ट्रैफिक सर्कल्स हैं. साल 2023 में नरेला सर्कल में सबसे ज्यादा 91 जानलेवा हादसे हुए. समयपुर बादली, अशोक विहार, पश्चिम विहार, नजफगढ़, पंजाबी बाग, नांगलोई और मॉडल टाउन सर्किल में भी अधिक जानलेवा हादसे दर्ज किए गए हैं.
सबसे ज़्यादा सड़क दुर्घटनाएं रिंग रोड पर हुईं
रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में सबसे ज्यादा 122 जानलेवा सड़क दुर्घटनाएं रिंग रोड पर हुई हैं. इस लिस्ट में आउटर रिंग रोड, जीटीके रोड, रोहतक रोड, नजफगढ़ रोड, पुस्ता रोड, ग्रांड ट्रंक रोड, वजीराबाद रोड, मथुरा रोड और बवाना रोड भी शामिल हैं. वहीं साल 2023 में, 15,972 लोगों को ड्रिंक एंड ड्राइव के लिए कार्रवाई का सामना करना पड़ा जो कि साल 2022 के मुकाबले 600 फीसदी से भी ज्यादा है.
हेलमेट या सीट बेल्ट न लगाने के मामलों में गिरावट
हालांकि साल 2022 के मुकाबले साल 2023 में हेलमेट न लगाने और सीट बेल्ट न लगाने के लिए किए गए चालान में गिरावट दर्ज की गई है. रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि साल 2023 तक दिल्ली में रजिस्टर्ड वाहनों की संख्या 79.45 लाख पहुंच चुकी है. साल 2022 के मुकाबले इसमें 2.66 फीसदी की वृद्धि हुई है. अब दिल्ली में हर दूसरे व्यक्ति पर एक रजिस्टर्ड वाहन मौजूद है.
1981 से 2023 के बीच दिल्ली में वाहनों की संख्या बढ़ी
इसके बावजूद की 1981 से लेकर 2023 के बीच दिल्ली में वाहनों की संख्या में 21 गुना बढ़ोतरी देखी गई है, सड़कों की लंबाई सिर्फ दोगुनी ही हुई है. साल 1981 में दिल्ली में सड़कों की कुल लंबाई जहां 15,487 किलोमीटर थी, वहीं साल 2023 में यह बढ़कर केवल 33,198 किलोमीटर हुई है.