दिल्ली दंगा मामला : अदालत ने ‘असंवेदनशील दृष्टिकोण’ के लिए अभियोजन पक्ष को लगाई फटकार

अदालत (Court) ने यह भी कहा कि एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालकर अभियोजन अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकता और उसने अभियोजन पक्ष पर जुर्माना (Fine) भी लगाया.

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
दिल्ली दंगा मामले में कोर्ट ने असंवेदनशील दृष्टिकोण के लिए अभियोजन पक्ष को फटकार लगाई है.
नई दिल्ली:

राष्ट्रीय राजधानी की एक अदालत ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली (North East Delhi) में 2020 में हुए दंगों से जुड़े एक मामले में अभियोजन पक्ष को उसके “असंवेदनशील दृष्टिकोण” के लिए फटकार लगाई. अदालत (Court) ने यह भी कहा कि एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालकर अभियोजन अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकता और उसने अभियोजन पक्ष पर जुर्माना भी लगाया.

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला दयालपुर थाने में आठ आरोपियों के खिलाफ दर्ज एक मामले की सुनवाई कर रहे थे. न्यायाधीश ने कहा कि अदालत ने 20 मार्च को अभियोजन पक्ष को विशिष्ट घटनाओं और तिथियों का उल्लेख करते हुए सबूत पेश करने का निर्देश दिया था. उन्होंने कहा कि अभियोजन पक्ष ने पूरक आरोपपत्र दाखिल करने के लिए भी समय मांगा है.

न्यायाधीश ने पाया कि पूरक आरोपपत्र और सबूत दायर नहीं किए गए और लोक अभियोजक ने कहा कि दिल्ली पुलिस के किसी भी अधिकारी ने उनसे संपर्क नहीं किया, जबकि उन्होंने जांच अधिकारी (आईओ) और संबंधित थाना प्रभारी (एसएचओ) को सूचित किया था.

न्यायाधीश ने आदेश की एक प्रति पुलिस आयुक्त को भेजने का निर्देश दिया ताकि “अदालत के निर्देशों का कड़ाई से पालन और सुनवाई की अगली तारीख तक जुर्माने का भुगतान सुनिश्चित हो सके.''इस मामले में अगली सुनवाई 15 जुलाई को होगी.

यह भी पढ़ें : 

Featured Video Of The Day
RJ Simran Death: मशहूर RJ सिमरन सिंह की Gurugram के Flat में मिली डेडबॉडी | News Headquarter
Topics mentioned in this article