- दिल्ली ब्लास्ट में करीब दो किलो से अधिक अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल हुआ था.
- जांच में पाया गया है कि उमर विस्फोटक बनाने में माहिर था. उसने पांच से दस मिनट में ब्लास्ट को अंजाम दिया होगा.
- जांच में पता चला है कि अमोनियम नाइट्रेट, पेट्रोलियम ऑयल और डेटोनेटिंग मैटेरियल से विस्फोटक बनाया गया था.
दिल्ली ब्लास्ट जांच में रोज नए खुलासे हो रहे हैं. अब सुरक्षा एजेंसियों ने जांच में पाया है कि करीब 2 किलो से भी ज्यादा अमोनियम नाईटेड का इस्तेमाल धमाके के लिए किया गया था. सूत्रों के मुताबिक, ब्लास्ट के लिए डेटोनेटिग मैटेरियल का भी इस्तेमाल हुआ था. जांच में ये भी पाया गया कि डॉक्टर उमर मोहम्मद बम बनाने में एक्सपर्ट था. सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक अब तक मौके से जो सबूत मिले हैं, उसके हिसाब से महज 5 से 10 मिनिट में उमर ने यह ब्लास्ट को अंजाम दिया होगा, फोरेंसिक जांच में भी यह खुलासा हुआ है कि इस तरह के एक्सपोजिसव को ब्लास्ट करने के लिए महज 5 से 10 मिनट में भी तैयार किया जा सकता है.
जांच एजेंसियों से जुड़े सूत्रों के मुताबिक फॉरेंसिक टीम को अभी तक मिले 52 से ज्यादा एक्सपोजिसव से जुड़े सैंपल्स से पता चला कि आतंकी डॉक्टर उमर मोहम्मद ने अमोनियम नाइट्रेट में पेट्रोलियम आयल और डेटोनेटिग मैट्रीरियल से विस्फोटक तैयार किया होगा. अब ये भी जांच की जा रही है कि क्या लाल क़िले की पार्किंग में 3 घंटे के दौरान उमर ने यह सब किया था.
हर एंगल से हो रही है जांच
दूसरी और लाल किले के पास हुए विस्फोट से पहले की घटनाओं के सटीक क्रम का पता लगाने का प्रयास करते हुए जांचकर्ताओं ने उस पार्किंग क्षेत्र में प्रवेश करने वाले प्रत्येक वाहन की एक विस्तृत सूची तैयार की है, जहां विस्फोट में शामिल कार तीन घंटे तक खड़ी रही थी. जांचकर्ता वाहनों की पंजीकरण संख्या का पता लगा रहे हैं और इनके चालकों एवं मालिकों से इस बारे में पूछताछ कर रहे हैं कि क्या उन्होंने हरियाणा में पंजीकृत उस हुंदै आई20 को देखा था जो विस्फोट में शामिल थी.
सूत्रों ने बताया कि विस्फोट में शामिल कार के चालक डॉ. उमर नबी ने सोमवार को जब उसे पार्किंग स्थल में खड़ा किया था तब उसके आस-पास कई गाड़ियां खड़ी थीं. एक सूत्र ने कहा, ‘‘उस समय वहां मौजूद हर वाहन चालक का पता लगाया जा रहा है ताकि यह मालूम हो सके कि क्या उन्होंने एचआर-26 कार देखी थी, उसमें कितने लोग थे और क्या उमर के साथ कोई और भी था.''
जांच एजेंसी इस बात की भी जांच कर रही हैं कि क्या गिरफ्तार चिकित्सक डॉ. मुजम्मिल गनई हरियाणा के फरीदाबाद जिले में अल फलाह विश्वविद्यालय से जुड़े चिकित्सकों के एक समूह के साथ नियमित संपर्क में था. सूत्रों के अनुसार, विश्वविद्यालय से जुड़े और डॉ. मुजम्मिल के संपर्क में रहे कम से कम 15 चिकित्सक इस समय लापता हैं.













