दिल्ली का पारा 52 पार, क्या टूट जाएगा 111 साल पुराना वर्ल्ड रिकॉर्ड?

गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के मुताबिक, दुनिया में सबसे ज्यादा तापमान आज से 111 साल पहले 10 जुलाई 1913 को दर्ज किया गया था. हालांकि, कितना तापमान था, उसे लेकर कुछ विवाद है. कुछ ऐसे रिकॉर्ड भी हैं, जिनकी पुष्टि नहीं हो पाई.

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दिल्ली में अगले 3 दिन तापमान में कुछ गिरावट रहेगी लेकिन उमस का सितम जारी रहेगा.

नई दिल्ली:

पूरा उत्तर और पश्चिम भारत इन दिनों प्रचंड गर्मी और हीटवेव (Heatwave) की चपेट में है. राजधानी दिल्ली में बुधवार को गर्मी ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए. पूरे देश में दिल्ली (Today Delhi Temperature) सबसे गर्म शहर रहा. मौसम विभाग के मुताबिक, दिल्ली के नॉर्थ-वेस्ट एरिया के मुंगेशपुर में दोपहर 2:30 बजे 52.3 डिग्री तापमान दर्ज किया गया. मुंगेशपुर और उत्तरी दिल्ली के नरेला में मंगलवार को अधिकतम तापमान 49.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. अगर दिल्ली का तापमान 4.4 डिग्री और बढ़ता है, तो यह पृथ्वी पर सबसे ज्यादा तापमान वाला शहर घोषित हो जाएगा. दिल्ली के बाद राजस्थान का चूरू शहर 50.5 डिग्री तापमान के साथ देश का दूसरा सबसे गर्म शहर रहा. राजस्थान में गर्मी से 23 से 29 मई तक 55 लोगों की मौत हो चुकी है.

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गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के मुताबिक, दुनिया में सबसे ज्यादा तापमान आज से 111 साल पहले 10 जुलाई 1913 को दर्ज किया गया था. अभी दुनिया के सबसे ज्यादा तापमान वाले शहर का रिकॉर्ड कैलिफॉर्निया के ग्रीनलैंड डेथ वैली (California's Death Valley) के नाम है. अमेरिका के पूर्वी कैलिफोर्निया में एक रेगिस्‍तान है. यहीं ये डेथ वैली है, जो समुद्रतल से 190 फीट नीचे स्थित है. यहां नॉर्मल तापमान भी 50 डिग्री से ऊपर रहता है. ये इलाका ऐसा है जहां इंसान का रह पाना नामुमकिन है. 

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यहां 111 साल पहले दुनिया का सबसे ज्यादा तापमान 56.7 डिग्री दर्ज किया जा चुका है. ग्रीनलैंड डेथ वैली के इस एरिया को फरनेस क्रीक रेंच (Greenland Ranch) कहा जाता है. वहीं, 15 जुलाई 1972 को यहां की जमीन का तापमान 89 डिग्री सेल्सियस पाया गया था. ये पानी उबलने के तापमान से सिर्फ 11 डिग्री कम है. डेथ वैली में रात का तापमान 28 से 37 डिग्री के बीच रहता है.

डेथ वैली के गर्म होने की वजहें?
डेथ वैली के इतना ज्‍यादा गर्म होने की बहुत सारी वजहें हैं. एक्सपर्ट के मुताबिक, यहां बारिश बहुत कम होती है. ठंडी नहीं पड़ती. और तो और प्रशांत महासागर से उठी हवाएं जब यहां पहुंचती हैं,तो उसकी सारी नमी खत्म हो चुकी होती है. लिहाजा यहां बस गर्म हवाएं ही आ पाती हैं. डेथ वैली का स्ट्रक्चर भी ऐसा है, जहां सूरज की रोशनी और ताप बीचोंबीच पड़ती है. समुद्रतल से ज्‍यादा नीचे जाने पर हवा कम्‍प्रेस होकर गर्म हो जाती है. इसलिए डेथ वैली में इतना तापमान रहता है.

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गलत साबित हुए थे लीबिया के दावे 
हालांकि, कुछ ऐसे रिकॉर्ड भी हैं, जिनकी पुष्टि नहीं हो पाई. लीबिया के अल अजीजिया के नाम 90 साल तक सबसे ज्‍यादा तापमान वाली जगह का रिकॉर्ड था. 1922 में लीबिया में 57.8 डिग्री सेल्सियस का तापमान रिकॉर्ड हुआ था. 2012 में वर्ल्‍ड मीटरोलॉजिकल ऑर्गनाइजेशन (विश्व मौसम संगठन) ने इस दावे को गलत पाया. इसके बाद कैलिफॉर्निया की डेथ वैली दुनिया की सबसे गर्म जगह बन गई. अब तक बनी हुई है.
 

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क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
IMD के क्षेत्रीय प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा, "शहर के बाहरी इलाके राजस्थान से गर्म हवाओं की चपेट में आने वाले पहले क्षेत्र हैं." न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा, "दिल्ली के कुछ हिस्से खासतौर पर इन गर्म हवाओं के जल्दी आने के प्रति संवेदनशील हैं. इस वजह से पहले से ही खराब मौसम और खराब हो रहा है. मुंगेशपुर, नरेला और नजफगढ़ जैसे इलाके इन गर्म हवाओं की पूरी ताकत का अनुभव कर रहे हैं. लिहाजा वहां ज्यादा तापमान बढ़ा है."

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राजस्थान के फलोदी में आखिरी बार दर्ज किया गया था सबसे ज्यादा तापमान
भारत में आखिरी बार उच्चतम तापमान (51 डिग्री सेल्सियस) 2016 में राजस्थान के फलोदी में दर्ज किया गया था. इसके बाद 2019 में चूरू में 50.8 डिग्री तापमान दर्ज हुआ. वहीं, 1956 में अलवर में 50.6 डिग्री तापमान दर्ज किया गया था.

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AC के इस्तेमाल से भी बढ़ रही गर्मी
वहीं, गर्मी के दिनों में एयर कंडीशनर (AC) के बढ़ते इस्तेमाल के कारण बिजली की खपत भी बढ़ गई है. दिल्ली में बुधवार को 8,302 मेगावाट बिजली की मांग दर्ज की गई. ये अब तक का उच्च स्तर है. इससे पहले NDTV के साथ एक इंटरव्यू में Moody's RMS के चीफ रिसर्च ऑफिसर रॉबर्ट मूर-वुड ने कहा था कि शहरों के केंद्र में तापमान उनके आसपास के क्षेत्रों की तुलना में 7 डिग्री ज्यादा हो सकता है.
 

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