- दिल्ली एनसीआर में झमाझम बारिश से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा
- यमुना नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण दिल्ली के कई हिस्सों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है
- गौतमबुद्ध नगर जिले के कुछ गांवों में भी यमुना के बढ़ते जलस्तर से बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है
मुंबई के बाद अब दिल्ली-एनसीआर में भी मंगलवार को झमाझम बारिश हुई. दोपहर बाद अचानक बदरा बरसने लगे और देखते ही देखते कश्मीरी गेट से लेकर लाल किला और इंडिया गेट तक सड़कों पर पानी भर गया. राजधानी की मुख्य सड़कों पर जलभराव ने यातायात की रफ्तार थाम दी, जिससे दफ्तर जा रहे लोगों और आम यात्रियों को भारी परेशानी उठानी पड़ी.
दिल्ली के कई हिस्सों में पहले से ही बाढ़ का खतरा बना हुआ है. यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और नदी किनारे बसे निचले इलाकों में हालात और बिगड़ गए हैं. कई जगहों पर पानी घरों तक पहुंच गया है, जिससे स्थानीय लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा है.
दिल्ली पर बढ़ा बाढ़ का खतरा
बारिश ने जहां गर्मी और उमस से राहत दी, वहीं जलभराव और यमुना का खतरा दिल्लीवासियों के लिए नई चुनौती लेकर आया है. प्रशासन ने लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है और कहा है कि हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है. आने वाले दिनों में मौसम की स्थिति और यमुना का स्तर तय करेगा कि राजधानी कितनी राहत या मुश्किल का सामना करेगी.
दिल्ली के साथ-साथ नोएडा में बाढ़ का खतरा
यमुना का जलस्तर बढ़ने के कारण गौतमबुद्ध नगर जिले के कुछ गांवों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है जिसे देखते हुए जिला प्रशासन ने जेवर और रबूपुरा क्षेत्र में पांच स्थानों पर बाढ़ चौकियां स्थापित की हैं. अधिकारियों ने बताया कि गौतमबुद्ध नगर जिले के लिए भी दिल्ली का पुराना रेलवे पुल यमुना नदी के प्रवाह और संभावित बाढ़ के खतरों पर नजर रखने के लिए एक प्रमुख अवलोकन बिंदु के रूप में कार्य करता है. इसके माध्यम से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले के अधिकारी आपस में समन्वय बनाए रखते हैं.
सोमवार दोपहर को यमुना का जलस्तर पुराने रेलवे पुल पर 205.55 मीटर तक पहुंच गया था, जो खतरे के निशान 205.33 मीटर से ऊपर है, और तब से जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है.
यमुना में बाढ़ का कारण क्या है?
यमुना का उफान केवल दिल्ली तक सीमित नहीं है. इसकी जड़ हरियाणा और उत्तराखंड तक फैली है. बीते दिनों भारी बारिश के चलते हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से बड़ी मात्रा में पानी छोड़ा गया. 60,000 क्यूसेक से अधिक पानी यमुना में छोड़े जाने के कारण इसका असर सीधे दिल्ली पर पड़ा है.
उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में हो रही तेज़ बारिश ने यमुना और उसकी सहायक नदियों का जलस्तर बढ़ा दिया है.लगातार बरसात के चलते बैराजों से अतिरिक्त पानी छोड़ा गया, जिससे नदी के किनारे बसे इलाकों में खतरा और बढ़ गया.विशेषज्ञों का मानना है कि मानसून की भारी बारिश और पहाड़ी राज्यों से छोड़े गए पानी का सीधा असर दिल्ली की यमुना पर पड़ता है.