दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के अधिकारियों ने शनिवार को पांच घंटे के नाटकीय घटनाक्रम के बाद यहां मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर उन्हें एक नोटिस तामील कराया और आम आदमी पार्टी (आप) के सात विधायकों की भाजपा द्वारा खरीद-फरोख्त का प्रयास किये जाने के उनके आरोपों पर तीन दिनों के अंदर उनसे जवाब मांगा. दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने उन्हें (केजरीवाल) नोटिस तामील कराया है. वह लिखित रूप से तीन दिनों के अंदर जवाब दे सकते हैं.''
पुलिस सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री आवास पर मौजूद अधिकारियों को आखिरकार नोटिस सौंपा गया. अपराध शाखा ने केजरीवाल से आप के उन विधायकों के नामों का खुलासा करने को कहा, जिन्होंने भाजपा द्वारा उनसे संपर्क किये जाने का दावा किया था. इससे पहले, सिविल लाइंस में केजरीवाल के आवास पर एक नाटकीय घटनाक्रम हुआ, क्योंकि अपराध शाखा की एक टीम जांच के सिलसिले में उन्हें नोटिस देने एक बार फिर शनिवार को वहां पहुंची.
केजरीवाल ने पिछले सप्ताह आरोप लगाया था कि भाजपा ने दिल्ली में उनकी सरकार गिराने के लिए आप के सात विधायकों को 25-25 करोड़ रुपये देने की पेशकश की है.
इसके बाद, दिल्ली की मंत्री आतिशी ने भी पिछले सप्ताह यहां संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि भाजपा ने दिल्ली में ‘ऑपरेशन लोटस (कमल) 2.0' शुरू किया है. आतिशी ने कहा, ‘‘उन्होंने आप विधायकों को पैसे की पेशकश कर अपने पाले में करने की इसी तरह की कोशिश पिछले साल भी की थी, लेकिन वे असफल रहे.''
इन आरोपों के बाद, भाजपा की दिल्ली इकाई के प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने 30 जनवरी को शहर के पुलिस प्रमुख से मुलाकात की थी और आरोपों की जांच किए जाने की मांग की थी.
सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) स्तर के अधिकारी के नेतृत्व वाली टीम ने इस बात पर जोर दिया था कि नोटिस केजरीवाल को ही सौंपा जाएगा, क्योंकि यह उनके नाम से है, जबकि मुख्यमंत्री आवास के अधिकारियों ने कहा कि वे नोटिस लेने के लिए तैयार हैं. परिसर के बाहर, आप नेता जैस्मिन शाह को उस कानूनी प्रावधान पर अपराध शाखा के एक अधिकारी से बहस करते देखा गया, जिसके तहत वह केजरीवाल को ही नोटिस सौंपने पर अड़े हुए थे.
जैस्मिन शाह ने ‘एक्स' पर एक वीडियो साझा करते हुए पोस्ट किया, ‘‘मैंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के प्रवेश द्वार के सामने खड़े दिल्ली पुलिस के अधिकारी से यह सामान्य सवाल पूछा: वह किस कानून के तहत मुख्यमंत्री को व्यक्तिगत रूप से नोटिस सौंपने पर जोर दे रहे हैं? उनके पास कोई जवाब नहीं था. यह स्पष्ट है कि वे यहां केवल नौटंकी करने आए हैं.''
दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने दावा किया कि पुलिस जान-बूझकर मुख्यमंत्री कार्यालय में नोटिस नहीं दे रही है. उन्होंने ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘यह (केंद्र की नरेन्द्र) मोदी सरकार के लिए बेहद शर्मनाक है. भाजपा आज पूरी तरह बेनकाब हो गई है. शुक्रवार को सभी भाजपा प्रवक्ताओं ने मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा पुलिस का नोटिस नहीं स्वीकार करने का आरोप लगाया. आज वे बेनकाब हो गये हैं. पुलिस एसीपी जानबूझकर मुख्यमंत्री कार्यालय में नोटिस नहीं दे रहे हैं.''
दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय ने अपने फेसबुक अकाउंट पर पोस्ट किया, ‘‘पुलिस मुख्यमंत्री के बजाय भाजपा के शीर्ष नेताओं से पूछे कि आम आदमी पार्टी के किन-किन विधायकों को खरीदने की कोशिश की गई?'' आप सूत्रों ने दावा किया कि पुलिस मुख्यमंत्री की छवि खराब करने के लिए मीडिया को अपने साथ लेकर आई.
सचदेवा ने एक प्रेस बयान में आरोप लगाया कि केजरीवाल का व्यवहार अपराधियों जैसा हो गया है. उन्होंने कहा कि उनके पास कोई सबूत नहीं है और ‘‘लोटस 2.0'' का आरोप उनके भ्रष्टाचार से ध्यान भटकाने के लिए एक मनगढ़ंत कहानी है.
भाजपा नेता रामवीर सिंह बिधुड़ी ने बयान में कहा कि यदि केजरीवाल और आतिशी अपने खिलाफ आरोपों को साबित करने में नाकाम रहते हैं तो उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)