केंद्रीय मंत्री अमित शाह के फर्जी वीडियो मामले में दिल्ली पुलिस ने 12 और लोगों को नोटिस भेजा

‘फर्जी वीडियो’ में तेलंगाना में धार्मिक आधार पर मुसलमानों के लिए आरक्षण समाप्त करने की प्रतिबद्धता जताने का संकेत देने संबंधी शाह के बयान को तोड़-मरोड़कर इस तरह दिखाया गया है जैसे कि वह हर तरह का आरक्षण समाप्त करने की वकालत कर रहे हों.

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नई दिल्ली:

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के भाषण का छेड़छाड़ किया गया वीडियो सोशल मीडिया पर कथित तौर पर अपलोड करने और साझा करने के मामले में 12 और लोगों को नोटिस भेजा गया है. दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी. फर्जी वीडियो मामले में राजनीतिक घमासान भी तेज हो गया है.

तेलंगाना के मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता रेवंत रेड्डी समेत कुल 17 लोगों को मामले के जांच अधिकारी के सामने पेश होने के लिए नोटिस जारी किया गया है. हालांकि, सूत्रों ने कहा कि रेड्डी के जांच में शामिल होने की ‘‘संभावना नहीं है'' और वह अपना प्रतिनिधि भेज सकते हैं.

रेड्डी और कांग्रेस की तेलंगाना इकाई के चार अन्य नेताओं को एक मई को जांच अधिकारी के सामने पेश होने के लिए नोटिस दिया गया था. उन्हें अपने मोबाइल फोन, लैपटॉप, टैबलेट या किसी अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लाने को कहा गया है जिसका कथित इस्तेमाल ‘एक्स' पर फर्जी वीडियो साझा करने में किया गया हो सकता है.

सूत्रों के मुताबिक, अगर किसी व्यक्ति को दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 160/91 के तहत नोटिस दिया जाता है, तो वह व्यक्ति या तो जांच अधिकारी के सामने उपस्थित हो सकता है या कानूनी प्रतिनिधि भेज सकता है. उन्होंने कहा कि पुलिस ने रेड्डी को मुख्यमंत्री के रूप में नहीं बल्कि तेलंगाना कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में तलब किया है.

इस मामले पर सोशल मीडिया मंचों के जवाब के बारे में पूछे जाने पर एक अधिकारी ने कहा कि जांच अधिकारी को वीडियो के स्रोत के बारे में 'एक्स' सहित उनके जवाब का इंतजार है. सूत्रों ने बताया कि मंगलवार को जिन 12 लोगों को नोटिस दिया गया, वे विपक्षी दलों के हैं.

कर्नाटक के शिवमोगा में एक कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने ‘इंडिया' गठबंधन पर निशाना साधते हुए कांग्रेस सहित विपक्षी दलों पर ‘‘विभाजनकारी राजनीति'' में शामिल होने का आरोप लगाया.

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नड्डा ने कहा, ‘‘कुछ दिन पहले एक वीडियो आया था और वे यह धारणा और माहौल बनाने की कोशिश कर रहे थे कि भाजपा एससी/एसटी और ओबीसी के खिलाफ है और अगर हम (भाजपा) सत्ता में आते हैं तो इन समुदायों के लिए आरक्षण खत्म हो जाएगा.''

उन्होंने कहा, ‘‘वे एक फर्जी वीडियो लेकर आए...लोगों और मीडिया ने ‘इंडी' गठबंधन के डीप फेक वीडियो का पर्दाफाश किया. इसका दुखद हिस्सा यह है कि फर्जी वीडियो तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के फोन से सोशल मीडिया पर अपलोड किया गया था, और ‘इंडी' गठबंधन के सभी सहयोगियों ने इसे वायरल करने की कोशिश की.''

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भाजपा पर पलटवार करते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने दिल्ली पुलिस द्वारा तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेड्डी को समन भेजे जाने की आलोचना करते हुए कहा कि स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव के लिए यह कदम ताबूत में एक और कील की तरह है. रमेश ने सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री को इस बात का डर है कि मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी उनकी पार्टी की संभावनाओं पर पानी फेर देंगे?

दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने सोशल मीडिया मंचों पर शाह का फर्जी वीडियो फैलाए जाने के सिलसिले में केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत आने वाले भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) द्वारा शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद रविवार को मामला दर्ज किया था.

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‘फर्जी वीडियो' में तेलंगाना में धार्मिक आधार पर मुसलमानों के लिए आरक्षण समाप्त करने की प्रतिबद्धता जताने का संकेत देने संबंधी शाह के बयान को तोड़-मरोड़कर इस तरह दिखाया गया है जैसे कि वह हर तरह का आरक्षण समाप्त करने की वकालत कर रहे हों.
 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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