दिल्ली पुलिस ने साइबर क्राइम करने वाले गिरोह का किया पर्दाफाश, मास्टरमाइंड समेत 7 लोग गिरफ्तार

इस मामले में पुलिस ने बैंक अधिकारी और गिरोह के मास्टरमाइंडर समेत 7 लोगों को गिरफ्तार किया है. साथ ही पुलिस ने 7 मोबाइल फोन, एक स्कॉर्पियो कार भी बरामद की है.

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(प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली:

साइबर क्राइम आज के वक्त में एक बड़ी समस्या बन गया है. रोजाना ही किसी न किसी के साथ साइबर क्राइम की घटनाएं सामने आती रहती हैं. साइबर क्राइम करने वाले गिरोह अक्सर ही मासूम लोगों को अपने जाल में फंसा लेते हैं और फिर उनकी मेहनत की कमाई चुटकियों में लूट लेते हैं. इसी बीच दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की आईएसएफओ यूनिट ने साइबर बदमाशों के सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है.

मास्टरमाइंड समेत 7 लोग गिरफ्तार

इस मामले में उन्होंने बैंक अधिकारी और गिरोह के मास्टरमाइंडर समेत 7 लोगों को गिरफ्तार किया है. साथ ही पुलिस ने 7 मोबाइल फोन, एक स्कॉर्पियो कार भी बरामद की है. इसके अलावा पुलिस ने धोखाधड़ी से कमाई गई 5 लाख रुपये भी बरामद किए हैं. वहीं कई बैंक खातों में जमा 80 लाख रुपये से अधिक रकम को फ्रीज कर दिया गया है. 

शिकायतकर्ता की शिकायत पर हुई ये कार्रवाई

आईएफएसओ यूनिट में सचिन बंसल ने एक शिकायत दी थी. जिसमें उन्होंने बताया कि उनके साथ स्टॉक/क्रिप्टो ट्रेडिंग में बढ़िया रिटर्न देने के नाम पर  91 लाख रुपये की धोखाधड़ी हुई है. शिकायतकर्ता को एक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया था, जिसमें अपराधी स्टॉक की जानकारी दे रहे थे. साइबर क्रिमिनल्स के झांसे में आकर शिकायतकर्ता ने www.yotemog.com पर खाता खोला और 19 अलग-अलग खातों में 91 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए. इसलिए प्रारंभिक जांच के बाद, एफआईआर संख्या 287/24, आईपीसी की धारा 419/420/120बी के तहत मामला दर्ज किया गया और जांच शुरू की गई. 

मामले से जुड़े बैंक अकाउंट किए गए फ्रीज

जांच के दौरान, इसमें शामिल सभी कथित बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए. बैंक खातों के विश्लेषण के बाद, यह पाया गया कि गौरव ट्रेडिंग के नाम पर पंजीकृत एसबीआई बैंक के एक खाते में 46 लाख रुपये उपलब्ध थे जिन्हें तुरंत फ्रीज़ कर दिया गया था. इसके बाद संबंधित बैंक प्रबंधक द्वारा पुलिस को सूचित किया गया कि SBI बैंक को एक ईमेल आया है और कथित खाते को अनफ्रीज करने के लिए जांच अधिकारी के नाम से एक ई-मेल आईडी से एक नोटिस प्राप्त हुआ है.

नकली आइडी से भेजा गया था ई-मेल

जांच अधिकारी की यह ई-मेल आईडी फर्जी/जाली प्रतीत होती है. ई-मेल आईडी के तकनीकी विश्लेषण पर यह पाया गया कि डी-फ़्रीज़िंग नोटिस प्रोटोन मेल का उपयोग करके भेजा गया था. अपराध की गंभीरता को भांपते हुए, इंस्पेक्टर उदय सिंह के नेतृत्व में एक टीम जिसमें ASI ललित, HC रॉबिन, Ct.सत्यप्रकाश, Ct. दर्शन, Ct. राजन शामिल थे का गठन एसीपी श्री मनोज कुमार की देखरेख में किया गया. साथ ही टीम को अपराधियों की पहचान करने और पकड़ने का निर्देश दिया. 

टीम ने ऐसे किया गिरोह का पर्दाफाश

तकनीकी निगरानी और डिजिटल पदचिह्नों का पालन करके टीम द्वारा आरोपी व्यक्तियों की पहचान की गई तथा छापेमारी करके अजय और मोहित नाम के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. उनकी निशानदेही पर एसबीआई बैंक कर्मचारी समेत पांच और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. इन आरोपियों से 7 मोबाइल फोन, एक कार तथा धोखाधड़ी से कमाए हुए पैसे में से 5.5 लाख रुपये नकद बरामद किए गए.

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