दिल्ली पुलिस की दक्षिणी रेंज क्राइम की टीम ने अंतरराज्यीय ऑटोलिफ्टर के गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया है. इनके पास से 11 महंगी बाइक बरामद की गई है. दोनों आरोपी मणिपुर के रहने वाले हैं. क्राइम ब्रांच के डीसीपी राजेश देव ने बताया कि एसीपी नरेश सोलंकी और इंस्पेक्टर विजय पाल दहिया की टीम को इस गिरोह की गतिविधियों के बारे में 27 सितम्बर को जानकारी मिली थी.
इसके बाद पता चला कि आरोपी ओखला विहार में आने वाले हैं. बीते 28 सितंवर को जाल बिछाकर ओखला इलाके में एक बुलेट मोटरसाइकिल को रोका गया और दो लोगों को पकड़ा गया. आरोपियों की पहचान मोअब्दुल कलाम उर्फ़ अखान और सैयद तद्रिस अली के रूप में हुई है.
जांच में पता चला कि जिस बाइक पर वो सवार हैं वो दिल्ली के सफदरजंग एनक्लेव इलाके से चोरी हुई थी. आगे की जांच के दौरान आरोपियों की निशानदेही पर 10 और चोरी की मोटरसाइकिलें और बाइक के लॉक तोड़ने के उपकरण बरामद हुए. पुलिस के मुताबिक ये गिरोह पिछले कुछ दिनों से बहुत सक्रिय था और हाई-एंड मोटरसाइकिलों विशेषकर बुलेट मोटरसाइकिलों की चोरी करता था और आगे उन्हें अपने सहयोगियों सैदुल और टॉमथिन के जरिए मणिपुर में बेचता था. आरोपी व्यक्तियों के किराए के मकान से कई मास्टर चाबियां और ताला सेट जब्त किए गए हैं.
आरोपी सैयद तद्रिस अली स्नातक है. उसके पिता एक रिटायर्ड टीचर हैं. वो 2015 में दिल्ली आया, लेकिन उसे कोई नौकरी नहीं मिली और उसने ऑटो चोरी करना शुरू कर दिया. वह बुलेट मोटरसाइकिल का शौकीन है और हमेशा नई बुलेट मोटर साइकिल चोरी करने की कोशिश करता था. वह पहले वाहन चोरी के 15 मामलों में शामिल पाया गया था.
वहीं मोअब्दुल कलाम उर्फ अखान अपने गांव में एक दुकान चलाता था. वह एनडीपीएस एक्ट के एक मामले में शामिल पाया गया है. वह अदालत की कार्रवाई में भाग लेने आया था, लेकिन पैसे की कमी के कारण वह वाहन चोरी में शमिल हो गया. मामले में आगे जांच की जा रही है.