दिल्ली पुलिस ने अवैध हथियार बनाने वाली फैक्ट्री का किया भंडाफोड़, भारी मात्रा में हथियार बरामद

पूछताछ के दौरान आरोपी ने एक नीला सफेद प्लास्टिक का बैग दिखाया और उसकी जांच करने पर उसमें से एक कार्बाइन, 5 पिस्टल और 75 कारतूस बरामद हुए.

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नई दिल्ली:

उत्तरी दिल्ली पुलिस की एंटी नारकोटिक्स सेल (Anti Narcotics Cell) ने बागपत में हथियार बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने और भारी मात्रा में हथियार और हथियार बनाने का सामान भी बरामद किया है.  उत्तरी जिले के डीसीपी सागर सिंह कलसी के मुताबिक बीते 4 अक्टूबर को सिविल लाइंस इलाके से विंटू उर्फ ​​मिंटू को 19 पिस्टल और 154  कारतूस के साथ गिरफ्तार किया गया था.  पूछताछ के दौरान आरोपी बिंटू  ने खुलासा किया कि उसे ये सामान ललित नाम के शख्स ने दिया है जो यूपी के बागपत का रहने वाला है. आरोपी बिंटू ने खुलासा किया कि उसने कभी ललित का घर नहीं देखा लेकिन उसने अपना मोबाइल नंबर दिया था. तकनीकी जांच के बाद आरोपी ललित कुमार को गौना गांव से गिरफ्तार कर लिया गया. 

एक कार्बाइन, 5 पिस्टल और 75 कारतूस बरामद

पूछताछ के दौरान आरोपी ने एक नीला सफेद प्लास्टिक का बैग दिखाया और उसकी जांच करने पर उसमें से एक कार्बाइन, 5 पिस्टल और 75 कारतूस बरामद हुए. आरोपी व्यक्ति ने बताया कि कि साल 2013 में उसके पास कोई नौकरी नहीं थी और उसके परिवार की वित्तीय स्थिति भी खराब थी. इस बीच उसकी मुलाकात जॉनी प्रधान नाम के एक शख्स से हुई, जो उसके पास के गांव का रहने वाला था और उसने उसे दीपक यादव नाम के एक शख्स से मिलवाया, जो अवैध हथियारों का सप्लायर था. उसे दीपक यादव की अवैध असलहा बनाने की फैक्ट्री में काम करने का लालच दिया गया. लेकिन साल 2015 में उत्तर प्रदेश पुलिस ने दीपक यादव की फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया था और फैक्ट्री से कई हथियार बरामद हुए थे.लेकिन दीपक यादव भागने में सफल रहा. इसके बाद ललित, जानी और दीपक ने  हथियारों की एक नई फैक्ट्री डाली और वो लोगों को ऑटोमेटिक पिस्टल 20 से 25 हजार में जबकि सिंगल शॉट पिस्टल 5-7 हजार में बेचने लगे.

कई गिरोह को पहुंचाते थे हथियार

ये लोग अनिल दुजाना गिरोह, उधम सिंह गिरोह, राहुल खट्टा गिरोह और सचिन उर्फ बाबा जैसे गिरोहों को हथियार बेचने लगे.  2019 में उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने उनकी फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया और उसे और दोस्त जॉनी प्रधान को गिरफ्तार कर लिया गया और उनकी फैक्ट्री से कई हथियार बरामद किए गए. जमानत मिलने के बाद ललित फिर से अपने दोस्तों सुरेंदर, सुमित और बिंटू से मिला और फिर से फैक्ट्री शुरू कर दी, जांच के दौरान ललित ने खुलासा किया कि उसे 2020 में दीपक यादव से 500 जिंदा कारतूस मिले थे.

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 पुलिस ने ललित की निशानदेही पर लोनी में उसकी अवैध असलहा फैक्ट्री पर छापा मारा और हथियार बनाने का इतना सामान बरामद किया कि उससे  लगभग 200 से 250 अवैध हथियार बनाए जा सकते हैं. 
 

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