प्रचार की भूख ने लागू नहीं करने दी स्कीम... : आयुष्मान भारत को लेकर अरविंद केजरीवाल को LG का लेटर

दिल्ली के उप-राज्यपाल वीके सक्सेना ने बुधवार की रात सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अरविंद केजरीवाल के नाम एक ओपन लेटर लिखते हुए उन पर जमकर निशाना साधा. LG ने आरोप लगाया कि केजरीवाल ने दिल्ली के लाखों लोगों को आयुष्मान भारत स्कीम से अब तक सिर्फ इसलिए दूर रखा, ताकि उनके प्रचारित झूठे हेल्थ मॉडल का सच सामने ना आ जाए.

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नई दिल्ली:

दिल्ली BJP और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच PM मोदी के 'आयुष्मान भारत स्कीम' को लेकर वाक युद्ध चल रहा है. इस विवाद में दिल्ली के उप-राज्यपाल वीके सक्सेना की भी एंट्री हो गई है. LG ने दिल्ली में आयुष्मान भारत (Ayushman Bharat) स्कीम के लागू न होने को लेकर AAP संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal)को जिम्मेदार ठहराया है.

दिल्ली के उप-राज्यपाल वीके सक्सेना ने बुधवार की रात सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अरविंद केजरीवाल के नाम एक ओपन लेटर लिखते हुए उन पर जमकर निशाना साधा. LG ने आरोप लगाया कि केजरीवाल ने दिल्ली के लाखों लोगों को आयुष्मान भारत स्कीम से अब तक सिर्फ इसलिए दूर रखा, ताकि उनके प्रचारित झूठे हेल्थ मॉडल का सच सामने ना आ जाए. उनकी हर बात पर खुद को झूठा क्रेडिट लेने की आदत का भंडाफोड न हो जाए.

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LG वीके सक्सेना ने दावा किया, "केजरीवाल ने इस आयुष्मान भारत स्कीम का विरोध सिर्फ इसलिए किया, क्योंकि वे चाहते थे कि उनका नाम इस स्कीम के साथ किसी भी तरह से जोड़ दिया जाए. केजरीवाल आयुष्मान भारत स्कीम का नाम 'मुख्यमंत्री आम आदमी स्वास्थ्य बीमा योजना आयुष्मान भारत' रखना चाहते थे. भारत सरकार भी उनके इस महिमा मंडन के लिए तैयार हो गई थी, मात्र यह कहते हुए कि आप अपना नाम 'आयुष्मान भारत' के बाद इस्तेमाल करें, लेकिन फिर भी दिल्ली सरकार ने एक के बाद एक कई अड़ंगे लगाकर इस स्कीम को लागू नहीं होने दिया."

LG वीके सक्सेना ने अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाते हुए कहा कि आपकी आत्ममुग्धता और प्रचार की भूख ने दिल्ली सरकार को यह स्कीम अब तक लागू नहीं करने दी.

दिल्ली हेल्थ मॉडल को बताया भ्रम जाल
LG ने दिल्ली सरकार के तथाकथित हेल्थ मॉडल को सशक्त प्रचार तंत्र द्वारा निर्मित भ्रम जाल बताया. वीके सक्सेना ने कहा, "आपने सालों से स्वास्थ्य विभाग की CAG रिपोर्ट को दबाकर रखा हुआ है. इन CAG रिपोर्टों को आप विधानसभा में पेश नहीं होने देते कि कहीं इनसे आपके भ्रम जाल का पर्दाफाश न हो जाए."

दिल्ली के LG ने कहा, "दिल्ली के हेल्थ मॉडल की धज्जियां उड़ाते हुए लिखा कि शायद दिल्ली एक मात्र ऐसा उदाहरण होगा, जहां हाईकोर्ट स्वास्थ्य मंत्री को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश देकर लोगों को दवाइयां उपलब्ध कराने को कहता हो. शायद दिल्ली एक मात्र ऐसा उदाहरण होगा, जहां अदालतों को दिल्ली सरकार के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में CT-स्कैन मशीन को रिपेयर कराने का आदेश देना पड़ता हो."

LG सक्सेना ने आरोप लगाया कि दिल्ली के पैथोलॉजी लैब कानून के मुताबिक काम नहीं करते. 3 करोड़ आबादी के लिए अस्पतालों में मात्र 6 CT-Scan मशीनें हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली का हेल्थ मॉडल वह है, जहां 10000 करोड़ रुपये खर्च करके 24 अस्पतालों की बिल्डिंग बनती है, लेकिन डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की नियुक्ति का कोई प्रावधान नहीं होता. उन्होंने कहा कि मोहल्ला क्लिनिक में टेस्ट्स के नाम पर हो रहे भ्रष्टाचार की जांच CBI कर रही है और इनकी बदहाल स्थिति सड़कों पर हर आदमी देख सकता है."

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आखिर में LG ने लिखा, "चूंकि आप अब मुख्यमंत्री नहीं हैं, तो अब शायद आपको इस बात की जरूरत महसूस नहीं होगी कि आयुष्मान भारत स्कीम का नाम मुख्यमंत्री के नाम पर रखा जाए."

इससे पहले BJP IT सेल के हेड अमित मालवीय ने भी X प्लेटफॉर्म पर केजरीवाल पर तमाम आरोप लगाए थे. अमित मालवीय ने कहा कि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया है कि 'दिल्ली आरोग्य कोष' के तहत कोई ऊपरी सीमा नहीं है. वास्तव में ये सीमा 5 लाख रुपये की है.

मालवीय ने यह भी कहा कि दिल्ली की हेल्थकेयर स्कीम में उन लोगों को शामिल नहीं किया गया है, जो 70 साल से ज्यादा के उम्र के हैं और राष्ट्रीय राजधानी के मतदाता नहीं हैं. लेकिन आयुष्मान भारत स्कीम में ऐसा भेदभाव नहीं किया जाता.

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2017 में शुरू हुई थी आयुष्मान भारत स्कीम
राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति के तहत केंद्र सरकार ने साल 2017 में आयुष्मान भारत स्कीम शुरू की थी. यह दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम है. इससे देश के सबसे गरीब 40 प्रतिशत लोगों को हर साल 5 लाख रुपये तक की मुफ्त इलाज की सुविधा मिलती है. हालांकि, पश्चिम बंगाल सहित कई राज्य इस स्कीम को मानने से इनकार कर रहे हैं और राज्य में खुद अपनी योजना चला रहे हैं.

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अब 70 साल और इससे ज्यादा उम्र के सभी लोगों को आयुष्मान भारत स्कीम का लाभ मिलेगा. पीएम नरेंद्र मोदी ने 29 अक्टूबर को इसकी शुरुआत की. देश में 70 साल से ज्यादा उम्र के करीब 6 करोड़ लोगों को इसका फायदा होगा.

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