"CBI ने साबित कर दिया है..." मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत पर जमकर बरसीं AAP की आतिशी

आतिशी ने आरोप लगाया कि सीबीआई के पास कोई सबूत नहीं है. CBI बार-बार मनीष सिसोदिया से एक ही सवाल पूछ रही थी, ताकि परेशान करके झूठे कबूलनामे पर साइन करवाया जा सके.'

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आतिशी ने दिल्ली के उप-राज्यपाल वीके सक्सेना पर भी निशाना साधा.

नई दिल्ली:

दिल्ली के आबकारी नीति केस (Delhi Liqour Policy Case) में कथित घोटाले को लेकर आप सरकार में मंत्री और डिप्टी सीएम रहे मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) सीबीआई की जांच के दायरे में हैं. सिसोदिया को आज कोर्ट में दोबारा पेश किया गया, जहां से कोर्ट ने उन्होंने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. ऐसे में सिसोदिया 20 मार्च तक तिहाड़ जेल में रहेंगे. इस मामले को लेकर आप की नेता आतिशी (Atishi Marlena) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीजेपी पर जमकर निशाना साधा है.  

आतिशी ने कहा, 'भारतीय जनता पार्टी शासित केंद्र सरकार की एजेंसी CBI एक साल से तथाकथित आबकारी मामले में स्कैम की जांच कर रही है. 250 से ज्यादा अधिकारी जेल में लगे रहे. जगह-जगह रेड मारी गई, लेकिन आज कोर्ट के सामने आगे रिमांड नहीं मांगी.' 

सीबीआई के पास सिसोदिया के खिलाफ सबूत नहीं
आतिशी ने आरोप लगाया कि सीबीआई के पास कोई सबूत नहीं है. CBI बार-बार मनीष सिसोदिया से एक ही सवाल पूछ रही थी, ताकि परेशान करके झूठे कबूलनामे पर साइन करवाया जा सके.' उन्होंने कहा, 'आज सीबीआई ने कोर्ट से रिमांड ना मांगकर ये साबित कर दिया कि उनके पास मनीष सिसोदिया से पूछने के लिए कुछ नहीं है और ना ही उनके पास कोई सबूत है.' 

एलजी पर साधा निशाना
आतिशी ने दिल्ली के उप-राज्यपाल वीके सक्सेना पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा, 'LG साहब ने कहा था कि दिल्ली के स्कूलों में घोस्ट टीचर्स हैं. LG ने अपने अधिकारों की एक जांच बिठाई, लेकिन आज शिक्षा निदेशालय की रिपोर्ट ने ये साबित कर दिया है कि LG विनय कुमार सक्सेना झूठ बोल रहे थे. दिल्ली के एक भी स्कूल में घोस्ट टीचर नहीं है.' मैं उपराज्यपाल से कहना चाहती हूं कि आपका काम दिल्ली की जनता का काम रोकना नहीं है.

16 हजार से ज़्यादा शिक्षकों की हुई जांच
उन्होंने बताया कि शिक्षा निदेशालय ने हर जिले के अधिकारियों के साथ 16 हजार से ज़्यादा शिक्षकों के दस्तावेजों और हाजिरी की जांच की. जांच में सब कुछ ठीक पाया गया है. कोई घोस्ट टीचर्स नहीं है. सभी की ऑनलाइन हाजिरी और ट्रैकिंग की जाती है. ये जांच समिति की रिपोर्ट अरविंद केजरीवाल के लिए क्लीन चिट है कि सब कुछ पारदर्शी है. कुछ भी गलत नहीं है. 

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