वायु प्रदूषण की स्थिति पर उपराज्यपाल ने की बैठक, विभाग जारी करेंगे परामर्श

राज निवास के बयान में कहा गया है कि बैठक में निर्णय लिया गया कि अंतरिम उपायों के तहत लोगों से जहां तक संभव हो घर के अंदर रहने, अनावश्यक यात्रा से बचने और यदि आवश्यक हो तो सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने की अपील की जाएगी.

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दिल्ली की वायु गुणवत्ता शुक्रवार को सुबह ‘‘अत्यधिक गंभीर’’ श्रेणी में चली गई. (फाइल)
नई दिल्‍ली :

दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना (LG VK Saxena) ने शुक्रवार को शहर में वायु प्रदूषण (Air Pollution) की गंभीर स्थिति के बीच पर्यावरण मंत्री गोपाल राय के साथ बैठक की, जिसमें धान की पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए पड़ोसी राज्यों, खासकर पंजाब से अपील करने का निर्णय लिया गया. बैठक में अंतरिम उपाय अपनाने का भी निर्णय लिया गया, जैसे कि पर्यावरण विभाग द्वारा लोगों, विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों को अतिरिक्त सावधानी बरतने और जहां तक संभव हो घर के अंदर रहने के लिए सलाह जारी करना, स्वास्थ्य विभाग द्वारा तैयारी और मशीनीकृत सड़क सफाईवाहनों, पानी की बौछार करने वाले वाहनों व एंटी-स्मॉग गन का इष्टतम उपयोग करना शामिल है. 

राज निवास की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, उपराज्यपाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में मुख्यमंत्री शामिल नहीं हो सके, क्योंकि वह दिल्ली से बाहर थे. 

बैठक के बाद, राय ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने उपराज्यपाल से वरिष्ठ अधिकारियों को सरकार का “बहिष्कार” नहीं करने और बैठकों में भाग लेने तथा निर्णयों को धरातल पर क्रियान्वित करने के लिए सहयोगी एवं सक्रिय रहने का निर्देश देने का आग्रह किया. 

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राय ने कहा, “मैंने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के अध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई का भी आग्रह किया, जिन्होंने सरकार की मंजूरी के बिना, स्मॉग टॉवर को बंद कर दिया और स्रोत विभाजन अध्ययन को कम कर दिया.”

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राय ने कहा कि भाजपा केंद्र और पड़ोसी राज्यों हरियाणा और उत्तर प्रदेश में सत्ता में है. उन्होंने प्रदूषण के खिलाफ काम करने के लिए सहयोगात्मक और परामर्शी दृष्टिकोण अपनाने की अपील की. 

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राज निवास के बयान में कहा गया है कि बैठक में यह निर्णय लिया गया कि अंतरिम उपायों के तहत लोगों से जहां तक संभव हो घर के अंदर रहने, अनावश्यक यात्रा से बचने और यदि आवश्यक हो तो सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने की अपील की जाएगी, ताकि कम आवाजाही सुनिश्चित की जा सके, जिससे यातायात में कमी आए और परिणामस्वरूप, उत्सर्जन और धूल प्रदूषण कम हो. 

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दिल्ली की वायु गुणवत्ता शुक्रवार को सुबह ‘‘अत्यधिक गंभीर'' श्रेणी में चली गई, जिसके मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण फैला रहे ट्रक, वाणिज्यिक चार पहिया वाहनों और सभी प्रकार की निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध समेत तमाम आपात उपाय लागू करने की आवश्यकता होती है. 

शहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बृहस्पतिवार सुबह 10 बजे 351 दर्ज किया गया था, जो शुक्रवार सुबह नौ बजे बढ़कर 471 पर पहुंच गया. 

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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