दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने बुधवार को एमसीडी की खराब वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए जनता से सुझाव आमंत्रित किए. उन्होंने लोगों से अपने संपत्ति करों और बकाया का भुगतान "इमानदारी" से करने का आग्रह किया ताकि नगर निकाय को आर्थिक रूप से स्थिर बनाया जा सके. एलजी ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2019-2020 और 2021-22 के बीच, दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) का नकद घाटा 2,756.32 करोड़ रुपये था. एलजी सक्सेना ने ट्विटर पर कहा कि पिछले वित्तीय कुप्रबंधन और अधिकांश निवासियों द्वारा संपत्ति करों का भुगतान न करने से वर्तमान वित्तीय संकट पैदा हो गया है.
"एमसीडी दिल्ली के 94% हिस्से को सेवाएं देता है. पिछले वित्तीय कुप्रबंधन और 75% निवासियों द्वारा किसी भी संपत्ति कर का भुगतान न करने की वजह से इसकी वित्तीय स्थिति खराब हो गई है. यह समय है कि हम -भारत के सबसे अमीर शहरों में से एक, एमसीडी को अपना बकाया ईमानदारी से भुगतान करें. आपके सुझाव और भागीदारी इसे हासिल करने में मदद करेगी," उन्होंने ट्वीट किया.
यह पांचवीं बार है जब सक्सेना ने लोगों से सुझाव मांगे हैं और जन-केंद्रित मुद्दों को सुलझाने में जनता की भागीदारी मांगी है।
वित्त वर्ष 2019-2020 और 2021-22 के बीच एमसीडी की कुल आय 31,861.81 करोड़ रुपये रही, जबकि खर्च 34,618.17 करोड़ रुपये था. इसलिए, इस अवधि के लिए नागरिक निकाय का नकद घाटा 2,756.32 करोड़ रुपये हो गया. एलजी ने कहा कि नागरिक निकाय का वेतन, पेंशन बकाया और अन्य वित्तीय देनदारियां 9,261.95 करोड़ रुपये हैं.
एलजी द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में 1,483 वर्ग किमी क्षेत्र है और एमसीडी का अधिकार क्षेत्र इसके कुल क्षेत्रफल का 94.2 प्रतिशत है. दिल्ली की कुल आबादी का करीब 98 फीसदी एमसीडी इलाकों में रहता है.