दिल्ली हाईकोर्ट ने Amazon की याचिका पर फ्यूचर रिटेल को रिलायंस के साथ डील पर आगे बढ़ने से रोका

इसके साथ ही हाईकोर्ट ने फ्यूचर समूह, निदेशकों को बीपीएल श्रेणी के वरिष्ठ नागरिकों को कोविड-19 का टीका प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री राहत कोष में 20 लाख रुपये जमा कराने के निर्देश दिए.

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प्रतीकात्‍मक फोटो

दिल्ली हाईकोर्ट ने Amazon की याचिका पर फ्यूचर रिटेल को रिलायंस के साथ 24,713 करोड़ रुपये के सौदे (डील) पर आगे बढ़ने से रोक दिया है. कोर्ट ने  सिंगापुर के मध्यस्थ के आदेश को बरकरार रखा है. हाईकोर्ट ने ने फ्यूचर रिटेल को रिलायंस डील पर आगे की कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया. अदालत ने कहा कि उसने सिंगापुर के मध्यस्थ के आदेश का जानबूझकर उल्लंघन किया है. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने फ्यूचर समूह, निदेशकों को बीपीएल श्रेणी के वरिष्ठ नागरिकों को कोविड-19 का टीका प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री राहत कोष में 20 लाख रुपये जमा कराने के निर्देश दिए. कोर्ट ने ने फ्यूचर ग्रुप से जुड़े किशोर बियानी और अन्य की संपत्तियों को कुर्क करने के निर्देश दिए.

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हाईकोर्ट ने फ्यूचर ग्रुप के किशोर बियानी और अन्य को कारण बताने को कहा कि क्यों न उन्हें मध्यस्थ के आदेश का उल्लंघन करने के लिए तीन महीने हिरासत में रखा जाए. कोर्ट ने फ्यूचर ग्रुप के किशोर बियानी और अन्य को 28 अप्रैल को उसके समक्ष उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं.गौरतलब है कि अगस्त, 2020 में रिलायंस इंडस्ट्रीज़ की सब्सिडियरी कंपनी Reliance Retail Ventures Limited ने घोषणा की थी कि वो फ्यूचर ग्रुप के रिटेल और होलसेल बिज़नेस के अलावा लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग बिजनेस को 24,713 करोड़ में खरीदेगा. इस डील को मंजूरी देते हुए सेबी ने रिलांयस को Composite Scheme of Arrangement के अनुसार कई शर्तें भी रखी हैं, जिसके तहत अपनी संपत्तियां बेचने वाली कंपनी को सेबी में कंपनी या फिर उसके प्रमोटर्स के खिलाफ कोई भी लंबित कार्रवाई नेशनल कंपनी ट्रिब्यूनल के सामने स्कीम डॉक्यूमेंट फाइल करते वक्त बताना होगा. वहीं, अमेजोन की ओर से हुई शिकायतों और सुनवाइयों के बारे भी उसे शेयरहोल्डर्स के सामने रखना होगा.

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Amazon ने इस डील पर रोक लगाने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. Amazon का कहना था कि यह डील फ्यूचर ग्रुप के साथ 2019 में हुई उसकी डील का उल्लंघन करती है. उसने सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर में हुई सुनवाई में दिए गए अंतरिम आदेश का हवाला देते हुए इस डील पर रोक लगाने की मांग की थी. 

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