दिल्ली हाईकोर्ट ने व्हाट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी के खिलाफ CCI के जांच के आदेश को रद्द करने की फेसबुक और व्हाट्सऐप की याचिकाओं को खारिज कर दिया है. दरअसल, व्हाट्सऐप और फेसबुक ने याचिका में सीसीआई के नई निजता नीति की जांच के लिए जारी आदेश को चुनौती दी थी, जिस पर 14 अप्रैल को दिल्ली हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था. वहीं, अब दिल्ली हाईकोर्ट ने व्हाट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी के खिलाफ CCI के जांच के आदेश को रद्द करने से इनकार कर दिया है.
बता दें कि CCI ने अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि व्हाट्सऐप द्वारा यह एक तरह से बाजार में अपने दबदबे की स्थिति का दुरुपयोग करना है. इसी कारण CCI ने व्हाट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी की जांच के आदेश दिए हैं. भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ( CCI) का कहना था कि विज्ञापन के लिए अपने उपभोक्ताओं के डेटा को अधिक से अधिक इकट्ठा करना और उसका उपयोग करना पूरी तरह से गलत है. यह सीधे तौर अपने प्रभाव का दुरुपयोग है.
दूसरी तरफ इस मामले में व्हाट्सऐप के लिए पेश हुए हरीश साल्वे और फेसबुक के लिए पेश हुए मुकुल रोहतगी ने कोर्ट से कहा की व्हाट्सऐप की प्राइवेसी से जुड़ी नीति का मामला पहले से सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है. ऐसे में सीसीआई इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकता है.
वहीं, CCI की ओर से एएसजी अमन लेखी ने कहा कि CCI इस मामले में कंपनी के प्रतिस्पर्धा के अलग-अलग पहलुओं पर गौर कर रहा है. प्रतिस्पर्धा से जुड़े मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई नहीं कर रहा है. सुप्रीम कोर्ट जिस मामले पर सुनवाई कर रहा है वह निजता के अधिकार से जुड़ा हुआ है. ऐसे में अधिकार क्षेत्र को लेकर विवाद का सवाल ही पैदा नहीं होता.
एएसजी अमन लेखी ने कोर्ट को कहा कि इसलिए व्हाट्सऐप और फेसबुक की तरफ से हाईकोर्ट में लगाई गई याचिका गलत अवधारणा से जुड़ी हुई है. डेटा इकट्ठा करने और उसे फेसबुक से शेयर करने का मामला प्रतिस्पर्धा रोधी है या नहीं यह जांच के बाद ही साफ हो सकता है.
दरअसल इसी साल जनवरी में CCI ने व्हाट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी की खबरें आने के बाद इस पर गौर किया और फिर जांच के आदेश दिए थे.