दिल्ली के सार्वजनिक स्थानों पर 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहन और 10 साल से पुराने हो चुके डीजल वाहनों की हैंडलिंग के लिए सरकार ने नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. वहीं पुरानी गाड़ी का सार्वजनिक स्थल पर इस्तेमाल करने वालों पर 5000 से 10000 रुपये तक जुर्माना लगाने का निर्देश दिया गया है.
ट्रांसपोर्ट विभाग की तरफ से जारी, "Guidelines for Handling End of Life Vehicle in Public Place 2024" के तहत पुरानी गाड़ियों को चरणबद्ध तरीके से दिल्ली के सार्वजनिक जगहों से हटाने के लिए इन्फोर्स्मेंट एजेंसी को तत्काल निरंतर अभियान शुरू करने का निर्देश दिया गया है.
पुराने वाहनों पर सख्ती के निर्देश :-
- सार्वजनिक स्थान पर चलते पाए गए या पार्क किए गए पुराने वाहनों को तत्काल ज़ब्त करना अनिवार्य होगा.
- एनफोर्समेंट एजेंसी को ज़ब्त किये गए पुराने वाहनों को Registered Scrapping Facility को हैंडओवर करना होगा.
- सार्वजनिक स्थान पर 10 साल पुराने डीजल और 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाले चार-पहिया वाहनों की ज़ब्ती होने पर 10,000 रुपये की पेनल्टी लगेगी.
- पुराने दोपहिया गाड़ियों की ज़ब्ती पर पेनल्टी 5,000 लगेगी.
देश के 15000 ऑटोमोबाइल डीलर्स की संस्था 'फेडरेशन ऑफ़ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशंस' ने दिल्ली सरकार की मुहीम का स्वागत किया है.
भारत सरकार का लक्ष्य Vehicle Scrapping Policy के ज़रिए 1 करोड़ से अधिक अनफिट वाहनों को स्क्रैप करने की है. इससे प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी, इससे सड़क और यात्री सुरक्षा में सुधार होगा, फ्यूल efficiency भी बढ़ेगी. भारत सरकार का आकलन है कि Vehicle Scrapping Policy अगर सही तरीके से लागू की जाती है तो इससे देश में auto sales 8% तक बढ़ सकती है.
ज़ब्ती के बाद पुराने गाड़ी के मालिक यदि मौके पर जुर्माना राशि का भुगतान नहीं कर पाते हैं तो :-
- पुराने वाहन को परिवहन विभाग के ऑनलाइन पोर्टल पर ब्लैकलिस्ट किया जायेगा.
- चालान/पेनल्टी देने के बाद ही इसे पोर्टल से हटाया जाएगा.
- पहली बार पकड़े जाने पर शर्तों के साथ गाड़ी रिलीज़ हो सकेगी.
- दिल्ली से बाहर रजिस्टर्ड गाड़ियों के मालिकों को पकड़े जाने पर कन्फर्मेशन देना होगा कि वो दोबारा प्रवेश नहीं करेगा.
- अगर कोई पुराना वाहन दोबारा पकड़ा जाएगा तो उसे सीधा स्क्रैपिंग यूनिट में भेज दिया जाएगा.
देश में पुरानी गाड़ियों को सड़कों से हटाने की चुनौती बड़ी है, लेकिन इसके फायदा बड़े हैं. सड़क परिवहन मंत्रालय का दावा है कि पुरानी गाड़ियों से वातावरण 10 से 12 गुना ज्यादा प्रदूषित होता है और इससे सड़कों पर यात्रियों की सुरक्षा भी कमज़ोर होती है.
सरकार का आंकलन है कि इससे 10,000 करोड़ का अतिरिक्त निवेश आएगा और 35,000 रोज़गार के नए अवसर भी पैदा होंगे. अब सरकार के सामने अगली चुनौती व्हीकल स्क्रेपिंग पॉलिसी को कारगर तरीके से लागू करने की होगी.