दिल्ली को 6 मई को 577 MT ऑक्सीजन मिली है जबकि दिल्ली की डिमांड 976 MT हैजबकि 5 मई को 730 MT मिली थी यानी 24 घंटे में 153MT की गिरावट दर्ज हुई. यह जानकारी दिल्ली सरकार के आप विधायक राघव चड्ढा ने दी. राघव चड्ढा ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली को छह मई को सिर्फ 577 मीट्रिक टन ऑक्सीजन प्राप्त हुई, जो इसकी 976 मीट्रिक टन की कुल आवश्यकता का 59 फीसदी है. दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष चड्ढा ने कहा कि प्राधिकारियों को बृहस्पतिवार को अस्पतालों से ऑक्सीजन की कमी को लेकर नौ SOS कॉल (त्राहिमाम संदेश) प्राप्त हुए और इन स्वास्थ्य इकाइयों को 5.1 मीट्रिक टन जीवन रक्षक गैस प्रदान की गई.
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राष्ट्रीय राजधानी को बुधवार को 730 मीट्रिक टन ऑक्सीजन प्राप्त हुई थी, जो अभी तक की सबसे अधिक मात्रा है. इसके चलते अस्पतालों से एसओएस कॉल में उल्लेखनीय कमी आयी थी. बुधवार को बढ़ी हुई आपूर्ति दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद मिली थी. हालांकि, एक दिन में इसमें 153 मीट्रिक टन की कमी आई, पिछले सात दिनों में दिल्ली को 976 टन की मांग के मुकाबले औसतन प्रतिदिन 498 मीट्रिक टन ऑक्सीजन प्राप्त हुई है.
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गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को ही केंद्र को स्पष्ट किया है कि उसे शीर्ष अदालत के अगले आदेश तक रोजाना दिल्ली को 700 मीट्रिक टनऑक्सीजन की आपूर्ति जारी रखनी होगी. इसके साथ सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस पर अमल होना ही चाहिए तथा इसके अनुपालन में कोताही उसे 'सख्ती'करने पर मजबूर करेगी.दो दिन पहले, शीर्ष अदालत ने दिल्ली को कोविड के मरीजों के लिए 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति के निर्देश काअनुपालन नहीं करने पर केंद्र सरकार के अधिकारियों के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा शुरू की गई अवमानना की कार्यवाही पर यह कहते हुए रोक लगा दीथी कि ‘अधिकारियों को जेल में डालने से' ऑक्सीजन नहीं आएगी और प्रयास जिंदगियों को बचाने के लिए किए जाने चाहिए. (भाषा से भी इनपुट)