दिल्ली के कथित 'शराब नीति घोटाले' में फंसे आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया की तरफ से प्रवर्तन निदेशालय मामले में जमानत याचिका दाखिल की गई है. राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सिसोदिया की जमानत याचिका पर ईडी को नोटिस जारी किया है. इस मामले की सुनवाई 25 मार्च को ईडी मामले में सिसोदिया की जमानत पर सुनवाई होगी. सिसोदिया की सीबीआई जमानत के मामले में वकील दयान कृष्णन ने दलील दी कि मोबाइल फोन सीज हो चुका है. अन्य फोन सेट को लेकर हम जवाब दे चुके हैं. हमारी अपील है कि अब जमानत पर रिहाई का आदेश दिया जाए.
मनीष सिसोदिया के वकील ने कहा कि सीबीआई कानून के दायरे में काम नहीं कर रही हैं. सीबीआई को जो डिवाइस मिले हैं, उसमें सीधे तौर पर मनीष के खिलाफ कुछ नहीं मिला है. इस मामले में सीबीआई सिर्फ मनीष को परेशान कर रही है. आबकारी मामले में सीबीआई मामले में सभी आरोपियों को जमानत मिल चुकीं है. सीबीआई के पास इस मामले में अब कुछ नया नहीं है.
सिसोदिया के वकील ने पी. चिदम्बरम केस का हवाला दिया और कहा, "मनीष सिसोदिया की पत्नी मल्टीप्ल बीमारी से जूझ रही है. उनकी देखभाल करने के लिए कोई नहीं है. उनका मेडिकल रिपोर्ट कोर्ट में जमा किया जा चुका है. इस मामले में मनीष सिसोदिया को जमानत दी जानी चाहिए. मनीष सिसोदिया ने जांच एजेंसी का जांच में हमेशा सहयोग दिया है. मोबाइल फोन सीज हो चुका है, अन्य फोन सेट को लेकर हम जवाब दे चुके हैं. हमारी अपील अब जमानत पर रिहाई किया जाए.
सिसोदिया के वकील ने कहा कि उपराज्यपाल द्वारा सीबीई को जांच सौंपे जाने वाले दिन मोबाइल फोन बदला जाना सिर्फ एक इत्तेफाक भर है. वह एक पब्लिक सर्वेंट हैं. मामले में दो और पब्लिक सर्वेंट है, जिनको गिरफ्तार भी नहीं किया गया और उनको ज़मानत मिल चुकी है.
इस पर सीबीआई ने मनीष की दलील का विरोध किया और कहा कि मनीष के पास 18 मंत्रालय थे, उनको सारी जानकारी थी.आबकारी मामले में एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट में जिसको रवि धवन ने तैयार किया था, उसे देखकर डिस्टर्व हो गए. इस मामले में सीधे तौर पर लोगों को फायदा पहुचाना उद्देश्य था.