दिल्ली की एक अदालत दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन (मनी लॉन्डरिंग) मामले में पांच आरोपियों की जमानत याचिकाओं पर 16 फरवरी को अपना आदेश सुनाएगी. विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने इस मामले में एक और आरोपी की गिरफ्तारी के मद्देनजर जमानत याचिकाओं पर फैसले को स्थगित कर दिया.
जज ने कहा, ‘‘आरोपियों की जमानत याचिकाओं पर आदेश लंबित है और इसे पूरा होने में कुछ और समय लगेगा क्योंकि इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा नई गिरफ्तारी की गई है.''
पांचों आरोपी फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं. इस बीच, अदालत ने दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े धनशोधन मामले की जांच के सिलसिले में पूछताछ के लिए एक विज्ञापन कंपनी के निदेशक को गुरुवार को ईडी की हिरासत में भेज दिया.
कंपनी के निदेशक ने 2022 के गोवा विधानसभा चुनाव के दौरान कथित तौर पर आम आदमी पार्टी (आप) का प्रचार अभियान चलाया था. ‘चेरियॉट प्रोडक्शंस मीडिया प्राइवेट लिमिटेड' के निदेशक राजेश जोशी को विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल के समक्ष पेश किया गया, जिन्होंने आरोपी को 13 फरवरी तक ईडी की हिरासत में भेज दिया.