एक साल में 11 बार जमानत अर्जी दाखिल करने वाले पर कोर्ट ने लगाया भारी जुर्माना

दिल्ली कोर्ट ने कहा कि अभियुक्त की 11वीं जमानत अर्जी का कोई आधार नहीं है और इसे खारिज किया जा सकता है. कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज करते हुए आवेदक पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया.

विज्ञापन
Read Time: 15 mins
Delhi कोर्ट ने बार-बार जमानत याचिका दाखिल करने पर सख्ती की
नई दिल्ली:

दिल्ली की एक अदालत ने साल भर के भीतर 11 बार जमानत की अर्जी दाखिल करने वाले शख्स पर भारी जुर्माना लगाया है. कोर्ट ने कहा कि ऐसी मनगढ़ंत याचिकाओं के लटके रहने से अदालतों की लिस्ट भर जाती है और न्यायिक सेवा का कीमती वक्त बर्बाद हो जाता है. अतिरिक्त सेशन जज रविंदर बेदी ने धोखाधड़ी और साजिश के एक मामले में आरोपी पर यह देखते हुए 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया कि उसने परिस्थिति में बिना किसी बदलाव के 11वीं बार जमानत याचिका दायर की.
एएसजे बेदी ने कहा कि आरोपी की दसवीं जमानत याचिका 29 नवंबर, 2021 को खारिज कर दी गई थी.

उन्होंने कहा कि अंतरिम जमानत की अपील करने वाली छठी याचिका रद्द करते हुए 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया था. आरोपी 27 नवंबर, 2020 से न्यायिक हिरासत में है. जज ने कहा कि आवेदक के वकील ने अभियुक्त की न्यायिक हिरासत में कैद को छोड़कर किसी भी बदले हुए हालात का संकेत नहीं दिया है. तथ्य की स्थिति या कानून में किसी भी अहम बदलाव के बिना आवेदक के एक के बाद एक आवेदन पर विचार नहीं किया जा सकता.

जज ने कहा कि परिस्थितियों में कोई बदलाव हुए बिना लगातार जमानत के आवेदन दाखिल करना वास्तव में कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है. जज ने 9 दिसंबर को दिए गए अपने निर्णय में कहा कि ऐसी मनगढ़ंत याचिकाओं के लटके रहने से अदालतों पर मुकदमों का बोझ बढ़ जाता है. साथ ही कीमती न्यायिक सेवा का समय भी बर्बाद हो जाता है.

Advertisement

अभियुक्त की 11वीं जमानत अर्जी का कोई आधार नहीं है और इसे खारिज किया जा सकता है. कोर्ट ने कहा कि जमानत याचिका खारिज करते हुए आवेदक पर 25 हजार रुपये जुर्माना लगाया जाता है.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Kolkata rape Case: Law College में पुलिस ने क्राइम सीन किया रिक्रिएट, मिले अहम सबूत | Ground Report
Topics mentioned in this article