दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल को शराब नीति केस में मिली जमानत, आज तिहाड़ से आएंगे बाहर

ईडी की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कोर्ट में अरविंद केजरीवाल की जमानत का विरोध करते हुए कहा कि इनके खिलाफ जांच एजेंसी के पास पुख्ता सबूत मौजूद हैं.

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नई दिल्ली:

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को कोर्ट से नियमित जमानत मिल गयी है. शराब घोटाले मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया गया था. केजरीवाल को एक लाख रुपये के मुचलके पर राउज एवेन्यू कोर्ट ने जमानत दी है. अरविंद केजरीवाल जमानत की प्रक्रिया पूरी होने के बाद शुक्रवार को जेल से बाहर आ सकते हैं.  ईडी की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कोर्ट को बताया था कि ईडी के पास केजरीवाल के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं. इसलिए उन्हें बेल नहीं मिलनी चाहिए.

वहीं, सीएम केजरीवाल के वकील ने अदालत में कहा था कि केजरीवाल के खिलाफ यह पूरा मामला सिर्फ कल्पना पर आधारित है. सीएम केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। इसके बाद उन्हें एक अप्रैल को तिहाड़ जेल भेज दिया गया था।

सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले केजरीवाल को चुनाव के समय 21 दिन की अंतरिम जमानत दी थी. जमानत पर 21 दिन बाहर रहने के बाद 2 जून की शाम 5 बजे केजरीवाल ने तिहाड़ जेल में सरेंडर किया था. इससे पहले बुधवार को सीएम केजरीवाल की न्यायिक हिरासत खत्म हुई थी, जिसे कोर्ट ने 3 जुलाई तक बढ़ा दिया था. 
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2021 में लागू हुई थी नई शराब नीति
दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर 2021 के दिल्ली में नई शराब नीति लागू की थी. इसके तहत दिल्ली में 32 जोन बनाए गए थे. हर एक जोन में ज्यादा से ज्यादा 27 दुकानें खोली जानी थी. इसे मिलाकर 849 दुकानें खुलनी थीं. नई शराब नीति में दिल्ली की सभी शराब की दुकानों को प्राइवेट कर दिया गया था. इससे पहले राजधानी में 60 प्रतिशत शराब की दुकानें सरकारी थीं और 40 प्रतिशत प्राइवेट थीं. नई नीति आने के बाद 100 प्रतिशत प्राइवेट कर दी गई थीं. सरकार ने इस नीति को लागू करते हुए तर्क दिया था कि इससे 3,500 करोड़ रुपये का फायदा होगा लेकिन बाद में यह नीति दिल्ली सरकार के लिए आफत बन गयी. 

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2022 में सामने आया था मामला
शराब नीति घोटाले का खुलासा 2022 में 8 जुलाई को तत्कालीन मुख्य सचिव नरेश कुमार की एक रिपोर्ट के जरिए हुआ था. इस रिपोर्ट में नरेश कुमार ने मनीष सिसोदिया समेत आम आदमी पार्टी के कई बड़े नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए थे. इसके बाद दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. सीबीआई ने 17 अगस्त 2022 को शराब नीति मामला दर्ज किया था. इसके बाद इसमें पैसों की हेराफेरी भी सामने आई और इस वजह से मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के लिए ईडी ने मामला दर्ज किया था. 

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