दिल्ली में नए मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह भव्य और ऐतिहासिक होने जा रहा है. दिल्ली में 27 साल के बाद भाजपा सरकार बनाने जा रही है. ऐसे में शपथ ग्रहण कार्यक्रम को लेकर शानदार तैयारियां की जा रही हैं और किसी भी तरह की कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है. इस कार्यक्रम के लिए भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी है. शपथ ग्रहण समारोह के दौरान रंगारंग कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा. हालांकि अभी तक यह तय नहीं हो सका है कि शपथ ग्रहण में मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ कौन लेगा. उधर, इस शपथ ग्रहण समारोह का समय भी बदला गया है. पहले 20 फरवरी को शाम 4.30 बजे शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया जाना था, लेकिन अब शपथ ग्रहण कार्यक्रम सुबह 11 बजे होगा.
शपथ ग्रहण में कौन-कौन आएगा?
दिल्ली के मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण भव्य होगा. नए सीएम के शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराज्यपाल वीके सक्सेना, मंत्रिपरिषद के सदस्य और एनडीए शासित राज्यों के सभी मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम, बीजेपी के सीनियर नेता और मंत्री शामिल होंगे. माना जा रहा है कि इस कार्यक्रम में 30 हजार से भी ज्यादा लोग शामिल होंगे. कार्यक्रम के लिए फिल्मी सितारों, मशहूर बिजनेसमैन, साधु-संतों को भी निमंत्रण भेजा जा रहा है. वहीं लाड़ली बहनों को भी शपथ ग्रहण का निमंत्रण गया है. साथ ही इस शपथ ग्रहण समारोह का हिस्सा झुग्गी-झोपड़ी के लोग भी होंगे. साथ ही करीब 50 फिल्मी सितारों को न्योता भेजा गया है.
कहां होगा शपथ ग्रहण समारोह?
दिल्ली के मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह ऐतिहासिक रामलीला मैदान में होने जा रहा है. जानकारी के मुताबिक, समारोह के लिए भव्य पंडाल बनाए जा रहे हैं. यहां पर तीन अलग-अलग मंच बनाए जा रहे हैं. इन मंचों पर करीब 150 कुर्सियां लगाई जानी हैं. जानकारी के मुताबिक, इनमें से एक मंच पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना मौजूद रहेंगे. वहीं दूसरे मंचों पर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं और राज्यों के मुख्यमंत्रियों के लिए जगह निर्धारित की गई है.
पीएम मोदी का हो सकता है संबोधन
दिल्ली के मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह 20 फरवरी को सुबह 11 बजे रामलीला मैदान में होना है. शपथ ग्रहण समारोह के बाद कई रंगारंग कार्यक्रम होंगे. इस दौरान सिंगर कैलाश खेर परफॉर्मेंस भी देंगे. साथ ही कई फिल्मी सितारे भी कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे. दोपहर 12 बजे के आसपास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कार्यक्रम में पहुंचेंगे. समारोह के दौरान उनका संबोधन कार्यक्रम भी हो सकता है. इसके बाद दिल्ली के नए सीएम शपथ ग्रहण करेंगे. माना जा रहा है कि शपथ ग्रहण का कार्यक्रम 2-3 घंटों तक चल सकता है.
क्यों बदला गया कार्यक्रम का समय?
दिल्ली सीएम के शपथ ग्रहण समारोह के लिए पहले 20 फरवरी शाम साढ़े चार बजे का समय निर्धारित किया गया था. हालांकि अब समय बदलकर सुबह 11 बजे कर दिया गया है. भाजपा अक्सर अपने बड़े कार्यक्रमों के लिए मुहूर्त का खासा ध्यान रखती है. ऐसे में हो सकता है कि मुहूर्त के चलते शपथ ग्रहण समारोह का समय बदला गया हो. साथ ही शपथ ग्रहण के दौरान सभी शीर्ष नेताओं की उपलब्धता भी एक कारण हो सकती है.
दिल्ली CM पद के लिए टॉप-7 नाम
शपथ ग्रहण समारोह के लिए जगह तय हो चुकी है, वक्त तय को चुका है, समारोह के लिए जबरदस्त तैयारियां की जा रही हैं. इसके बावजूद अभी तक दिल्ली का मुख्यमंत्री कौन होगा, यह अभी तक साफ नहीं है. ऐसे कई चेहरे हैं, जिन्हें लेकर के माना जा रहा है कि इनमें से कोई दिल्ली का नया मुख्यमंत्री हो सकता है. नए सीएम को तस्वीर जल्द ही साफ हो सकती है. हालांकि यह कुछ नाम हैं, जो सीएम पद की रेस में आगे चल रहे हैं.
- प्रवेश वर्मा
- आशीष सूद
- रेखा गुप्ता
- शिखा राय
- विजेंद्र गुप्ता
- सतीश उपाध्याय
- जितेंद्र महाजन
10 लोगों को किया है शॉर्टलिस्ट!
सूत्रों के मुताबिक, भाजपा ने 10 लोगों को शॉर्टलिस्ट किया गया है कि किसे मुख्यमंत्री और किन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया जाना है. हालांकि न नए बनने वाले मुख्यमंत्री और न नए बनने वाले मंत्रियों को इस बारे में पता है. भाजपा हमेशा से ही अपने निर्णयों को गोपनीय रखती रही है. इस बार भी पार्टी की यह परंपरा बरकरार है और किसी को यह पता नहीं चल सका है कि नया मुख्यमंत्री कौन होगा.
विधानसभा चुनाव में क्या हुआ था?
- दिल्ली में भाजपा की 27 साल बाद सत्ता में वापसी
- 70 विधानसभा सीटों पर पांच फरवरी को मतदान हुए थे
- नतीजों की घोषणा आठ फरवरी को हुई थी
- दिल्ली चुनाव में भाजपा ने 48 सीटों पर जीत हासिल की थी.
- आम आदमी पार्टी 22 सीटों पर सिमटकर रह गई थी.
- इस चुनाव में एक बार फिर कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली
कब हो सकता है सीएम का ऐलान?
दिल्ली में जबरदस्त जीत के बावजूद भाजपा मुख्यमंत्री का चेहरा चुनने में काफी मंथन कर रही है. माना जा रहा है कि पार्टी की कोशिश सीएम के चेहरे के साथ कई तरह के समीकरणों को साधने की होगी. प्राप्त जानकारी के मुताबिक, 19 फरवरी को विधायक दल की बैठक होगी. इसमें यह फैसला किया जाएगा कि किसे दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की कमान सौंपी जाएगी.
युद्धस्तर पर जारी हैं समारोह की तैयारियां
शपथ ग्रहण समारोह के लिए रामलीला मैदान की साफ-सफाई का काम किया जा रहा है. पानी का छिड़काव हो रहा है और कुर्सियां आनी भी शुरू हो चुकी हैं. पार्टी की योजना इस मैदान में बीस हजार से भी अधिक कुर्सियां लगाने की है. सोफा सेट और मंच के लिए जरूरी सामान भी रामलीला मैदान पहुंचना शुरू हो चुका है. मैदान को साफ करने के बाद पूरे मैदान पर लाल कार्पेट बिछाया जाएगा.
शपथ ग्रहण समारोह के लिए इसे सजाया जा रहा है. इसकी चारदीवारी पर नए सिरे से रंग-रोगन किया जा रहा है. साथ ही इसके आसपास के इलाकों में भी साफ-सफाई की जा रही है.
क्यों खास है रामलीला मैदान?
दिल्ली का रामलीला मैदान अपने आप में ऐतिहासिक महत्व रखता है. रामलीला मैदान कई बड़ी घटनाओं का गवाह रहा है. रामलीला मैदान 1930 तक एक तालाब था. यहां पर 1932 में रामलीला का आयोजन शुरू हुआ और यही इसके नाम का कारण भी बना. रामलीला मैदान में आज भी रामलीला का आयोजन किया जाता है. आजादी के बाद 1952 में जनसंघ के नेता श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जम्मू-कश्मीर को लेकर यहां पर सत्याग्रह की शुरूआत की थी. वहीं पंडित जवाहरलाल नेहरू ने यहां कई विशाल जनसभाएं की थीं. 1971 में इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध में जीत दर्ज करने के बाद यहां पर एक रैली की थी. रामलीला मैदान को 1975 में आपातकाल की घोषणा के बाद जयप्रकाश नारायण की रैली के लिए याद किया जाता है. वहीं 2011 में यह मैदान भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन का भी गवाह बना, जिसके बाद ही अरविंद केजरीवाल दिल्ली के सीएम बने थे.
केजरीवाल ने भी यहीं ली थी शपथ
रामलीला मैदान ही वो मैदान है, जिसने अरविंद केजरीवाल को राष्ट्रव्यापी पहचान दी और उसके बाद उन्होंने राजनीति की ओर कदम बढ़ाया और दिल्ली के मुख्यमंत्री बने. केजरीवाल सरकार का शपथ ग्रहण समारोह भी रामलीला मैदान में ही हुआ था. 2013 और 2015 में अरविंद केजरीवाल ने इसी रामलीला मैदान में शपथ ग्रहण की थी.
5000 से ज्यादा सुरक्षाकर्मियों की होगी तैनाती
शपथ ग्रहण समारोह के दिन रामलीला मैदान और उसके आसपास के इलाके में करीब 5000 सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया जाएगा. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि कानून व्यवस्था बनाए रखने और यातायात प्रबंधन के लिए अर्धसैनिक बलों की 10 से अधिक कंपनियां भी तैनात की जाएंगी.
एक अन्य पुलिस अधिकारी ने कहा, "अन्य आपातकालीन प्रतिक्रिया टीमों के साथ 5,000 से अधिक पुलिसकर्मी ड्यूटी पर होंगे. गणमान्य लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा बैरिकेड्स के कई घेरे होंगे."
साथ ही उन्होंने बताया कि 2,500 से अधिक स्थानों पर कमांडो, क्विक रिएक्शन टीम, पीसीआर वैन और स्वाट टीमों को रणनीतिक स्थानों पर तैनात किया जाएगा.