दिल्ली कैबिनेट ने अरविंद केजरीवाल के घर की मरम्मत की जांच कर रहे अधिकारियों को भेजा नोटिस

सतर्कता मंत्री सौरभ भारद्वाज ने 13 मई को राजशेखर के खिलाफ ‘‘जबरन वसूली रैकेट चलाने’’ की शिकायतों का हवाला देते हुए अधिकारी को सौंपे गए सभी कार्यों को तत्काल प्रभाव से वापस लेने का आदेश दिया.

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नई दिल्ली:

नौकरशाहों और दिल्ली मंत्रिमंडल में बढ़ते गतिरोध के बीच आम आदमी पार्टी (आप) नीत सरकार ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बंगले के सौंदर्यीकरण के मामले में कथित भ्रष्टाचार की जांच कर रहे विशेष सचिव (सतर्कता) वाई वी वी जे राजशेखर से सारा काम वापस लेने का आदेश दिया है. अपने वरिष्ठ अधिकारियों को जवाब में राजशेखर ने कहा कि उन्हें ‘‘अपने कर्तव्यों का पालन करने से रोका जा रहा है'' और आबकारी नीति और मुख्यमंत्री के आवास के सौंदर्यीकरण कार्य जैसे संवेदनशील मामलों में ‘‘गंभीर खतरे और रिकॉर्ड के हटाए जाने की आशंका है. उन्होंने यह भी अनुरोध किया कि मामले को रोक के लिए उच्च न्यायालय में ले जाया जाए.

सतर्कता मंत्री सौरभ भारद्वाज ने 13 मई को राजशेखर के खिलाफ ‘‘जबरन वसूली रैकेट चलाने'' की शिकायतों का हवाला देते हुए अधिकारी को सौंपे गए सभी कार्यों को तत्काल प्रभाव से वापस लेने का आदेश दिया. सूत्रों ने कहा कि राजशेखर कथित दिल्ली शराब घोटाले और दिल्ली के मुख्यमंत्री के बंगले के सौंदर्यीकरण की जांच कर रहे सतर्कता अधिकारी हैं. वह दिल्ली जल बोर्ड के तत्कालीन मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) उदित प्रकाश द्वारा अपने लिए एक विशाल बंगला बनाने के वास्ते विरासत स्मारक को गिराए जाने की भी जांच कर रहे हैं.

संपर्क करने पर, अधिकारी ने आधिकारिक नोट मिलने की पुष्टि की. राजशेखर ने कहा, ‘‘मंत्री के नोट के संबंध में मैंने अपने वरिष्ठों को रिपोर्ट भेज दी है. बाकी ईश्वर की मर्जी.'' आधिकारिक नोट के मुताबिक, ‘‘ऐसी शिकायतें हैं कि राजशेखर जबरन वसूली का रैकेट चला रहे हैं और रंगदारी की मांग कर रहे हैं. यह आरोप काफी गंभीर है, जिसकी विस्तार से जांच किए जाने की आवश्यकता है...इसलिए, राजशेखर को सौंपे गए सभी कार्य वापस लिए जाते हैं.''

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इसमें कहा गया, ‘‘इसे सहायक निदेशकों के बीच वितरित किया जा सकता है और सहायक निदेशक सीधे सचिव (सतर्कता) को रिपोर्ट करेंगे. सहायक निदेशकों को फाइल को सीधे सचिव (सतर्कता) को भेजना चाहिए. यह अगले आदेश तक तत्काल अनुपालन के लिए है.'' सूत्रों ने कहा कि भारद्वाज ने यह भी निर्देश दिया है कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के वरिष्ठ अधिकारी राजशेखर के कमरे से रिकॉर्ड जब्त किये जाएं.

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राजशेखर ने अपने जवाब में कहा है कि उन्हें कानून के नियमों और फाइल पर उपलब्ध दस्तावेजों और रिकॉर्ड के अनुसार अपने कर्तव्यों का निष्पक्ष निर्वहन करने की अनुमति दी जानी चाहिए. राजशेखर ने रेखांकित किया है कि केंद्रीय सतर्कता आयोग द्वारा निर्धारित प्रोटोकॉल और नियमावली के अनुसार सतर्कता पूछताछ की जाती है.

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वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ने यह भी आग्रह किया कि संजय जैन, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी), को योगिंदर हांडू के साथ विशेष वकील/ब्रीफिंग काउंसिल के रूप में उच्च न्यायालय के समक्ष संलग्न करने की अनुमति दी जा सकती है और यदि जरूर हो, तो मामले को उच्चतम न्यायालय के संज्ञान में भी लाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय में वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे को मामले से संलग्न किया जा सकता है.

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पिछले सप्ताह केजरीवाल ने आगामी दिनों में बड़े स्तर पर नौकरशाही में फेरबदल की घोषणा और सार्वजनिक कार्यों में ‘‘बाधा पैदा करने'' वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी थी. दिल्ली सरकार ने आईएएस अधिकारी और सेवा विभाग के सचिव आशीष मोरे के खिलाफ उनके स्थान पर एक नए अधिकारी को नियुक्त करने के उसके निर्देश का पालन नहीं करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी देते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया है. उच्चतम न्यायालय द्वारा दिल्ली में अधिकारियों के तबादले और तैनाती पर दिल्ली सरकार को नियंत्रण दिए जाने के कुछ घंटों बाद दिल्ली सरकार ने पिछले हफ्ते मोरे को उनके पद से हटा दिया था.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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