दिल्ली में सड़क पर हर 6 घंटे में एक मौत, डेटा बता रहा क्यों है यह हादसों की राजधानी...

Delhi Road Accident Deaths: दिल्ली कैंट मेट्रो स्टेशन के पास एक तेज रफ्तार BMW कार ने बाइक सवार दंपति को टक्कर मार दी है. इस हादसे में वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग में उप सचिव नवजोत सिंह की मौत हो गई.

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  • दिल्ली के धौला कुआं इलाके में हुए सड़क हादसे में वित्त मंत्रालय के डिप्टी सेक्रेटरी नवजोत सिंह की मृत्यु हो गई
  • राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार 2022 में दिल्ली में देश में सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाएं और मौतें हुईं.
  • 2024 के पहले 5 महीनों में घातक सड़क दुर्घटनाओं में मामूली कमी के बावजूद मौतों की संख्या चिंताजनक बनी हुई है.
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राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के धौला कुआं इलाके में रविवार, 14 सितंबर को हुए भीषण सड़क हादसे में भारत सरकार के वित्त मंत्रालय में डिप्टी सेक्रेटरी नवजोत सिंह की मौत हो गई, जबकि उनकी पत्नी गंभीर रूप से घायल हैं और उनका इलाज जारी है.  नवजोत सिंह अपनी पत्नी के साथ बंगला साहिब गुरुद्वारा से दर्शन करके घर लौट रहे थे. रास्ते में धौला कुआं से राजा गार्डन की ओर जाते समय एक तेज रफ्तार BMW कार ने उनकी बाइक को टक्कर मार दी. BMW को चला रही गगनप्रीत और उसके पति परीक्षित पर गैर इरादतन हत्या, लापरवाही से गाड़ी चलाने और सबूत छिपाने का आरोप लगाया गया है. गगनप्रीत को गिरफ्तार भी कर लिया गया है.

इस भीषण सड़क हादसे ने एक बार फिर दिल्ली में ऐसी हादसों की भयावह स्थिति सबके सामने ला दी है. दरअसल सच्चाई तो यह है कि देश की राजधानी में ही सड़क हादसों में पूरे देश में सबसे अधिक हादसे होते हैं. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की आखिरी ऐसी रिपोर्ट के अनुसार 2022 में देश में सबसे अधिक सड़क दुर्घटना में मौतें दिल्ली में ही दर्ज की गईं. अगर पूरे ट्रैफिक दुर्घटना (सड़क, रेल हादसों को मिलाकर) की बात करें तो इससे दिल्ली में 2,103 लोगों की जान चली गई थी.

सड़क हादसों में सबसे आगे दिल्ली

'भारत में आकस्मिक मृत्यु और आत्महत्या 2022' रिपोर्ट के अनुसार, इस साल दिल्ली में देश में सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाएं हुईं थी. दिल्ली में कुल 5,387 सड़क दुर्घटनाएं हुईं और इनमें से घातक सड़क दुर्घटनाओं के कारण 1,412 मौतें (केवल सड़क हादसे) दर्ज की गईं.

दिल्ली सहित 53 मेगासिटीज में सड़क दुर्घटना में होने वाली अधिकांश मौतें तेज गति (51.5 प्रतिशत) के कारण हुईं, इसके बाद खतरनाक या लापरवाह ड्राइविंग/ओवर-टेकिंग (31.3 प्रतिशत), और नशीली दवाओं/शराब के प्रभाव में ड्राइविंग (2.7 प्रतिशत) हुई. आंकड़ों के मुताबिक, 2022 के दौरान देश भर के 53 शहरों में कुल 68,236 सड़क दुर्घटनाएं हुईं और इन दुर्घटनाओं में 57,246 लोग घायल हुए, जबकि 17,680 लोगों की जान चली गई.

दिल्ली पुलिस के आंकड़ों में क्या दिखा?

जून में दिल्ली पुलिस का एक आंकड़ा सामने आया था जिसमें दिखा की भले सड़क दुर्घटनाओं में कमी आई है लेकिन उससे मरने वालों का आंकड़ा अभी भी बहुत अधिक है. आकंड़े बताते हैं कि राष्ट्रीय राजधानी में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 2025 के पहले पांच महीनों के दौरान घातक सड़क दुर्घटनाओं में कमी आई है, लेकिन शहर की सड़कों पर मरने वालों की संख्या चिंताजनक रूप से अधिक बनी हुई है- हर दिन लगभग चार लोगों की जान चली जाती है.

दिल्ली पुलिस द्वारा शेयर किए गए आंकड़ों के अनुसार, इस साल जनवरी से मई के बीच 2,235 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 577 मौतें हुईं और 2,187 घायल हुए. हालांकि यह 2024 में इसी अवधि के दौरान दर्ज किए गए 2,322 मामलों और 652 मौतों की तुलना में मामूली गिरावट का संकेत देता है, लेकिन राष्ट्रीय राजधानी को अभी भी सड़क हिंसा को रोकने में एक बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है.

इसके अलावा, सड़क दुर्घटनाओं में घायल होने वाले लोगों की कुल संख्या 2024 के पहले पांच महीनों में 2,106 घायलों से धीरे-धीरे बढ़कर इस साल 2,187 हो गई है.

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