- दिल्ली ब्लास्ट केस की जांच में NIA समेत कई एजेंसियां विभिन्न राज्यों में सर्च ऑपरेशन चला रही हैं.
- जांच में यह पता चला कि टेलीग्राम पर डॉक्टरों के बीच कोडवर्ड में बात होती थी.
- टेलीग्राम मैसेज में लिखा मिला है- 'बिरयानी' तैयार है, अब 'दावत' के लिए तैयार हो जाओ.
Delhi Blast Case: दिल्ली ब्लास्ट केस की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. NIA सहित अन्य जांच एजेंसी इस केस की पड़ताल में दिल्ली, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, यूपी सहित कई राज्यों में सर्च ऑपरेशन चला रही है. साथ ही इस केस में गिरफ्तार डॉ. मुजम्मिल, डॉ. शाहीन, डॉ. आदिल सहित अन्य के बीच हुई बातचीत को भी खंगाल रही है. जांच में यह पता चला है कि इन सभी के बीच टेलीग्राम पर बात होती थी. डॉ. शाहीन को उसके साथी 'मैडम सर्जन' कह कर पुकारते थे. साथ ही इन लोगों ने धमाके की पूरी साजिश कोडवर्ड में तय की थी.
बिरयानी तैयार है, दावत के लिए तैयार हो जाओ... भेजा था मैसेज
जांच में यह बात सामने आई है कि उन्होंने कथित तौर पर विस्फोटक सामग्री के लिए "बिरयानी" और किसी विशिष्ट घटना के लिए "दावत" जैसे कोड शब्दों का इस्तेमाल किया. विस्फोटक जमा करने के बाद इन लोगों जो मैसेज भेजे, उसमें लिखा था- "बिरयानी तैयार है और अब दावत के लिए तैयार हो जाओ."
मौलवी इरफान अहमद वागे की अहम भूमिका
आगे की जांच रिपोर्ट से पता चलता है कि मौलवी इरफान अहमद वागे ने इन लोगों की साजिश में अहम भूमिका निभाई थी. दावों के अनुसार, वागे ने 2020 में श्रीनगर में अपने बच्चे के इलाज के लिए डॉ. उमर-उन-नबी से मुलाकात की थी. आरोप है कि वागे और डॉ. उमर ने नंबरों लेन-देन किया और बातचीत शुरू की. वागे अपने बेटे के इलाज के सिलसिले में डॉ. उमर से कई बार मिले, जिसके दौरान वे करीब आए.
जांच से पता चला है कि उमर ने अन्य डॉक्टरों को भी वागी से मिलवाया था. जो अक्सर टेलीग्राम चैनल के माध्यम से चरमपंथी विचारधाराओं को बढ़ावा देता था. साथ ही दक्षिण कश्मीर में जैश के आतंकवादियों के साथ बैठकें भी आयोजित करता था.
डॉक्टरों ने आतंकियों से दो AK-47 राइफलें बरामद की
जांच में कथित तौर पर पता चला कि डॉक्टरों ने इन आतंकवादियों से दो AK-47 राइफलें हासिल की थीं. एक राइफल कथित तौर पर एक डॉक्टर के लॉकर से और दूसरी डॉ. शाहीन की कार से बरामद की गई थी. डॉ. शाहीन कथित तौर पर छह महीने पहले इस योजना में शामिल हुई थीं, और शुरू में उन्होंने दावा किया था कि उन्हें समूह के इरादों की जानकारी नहीं थी.
डॉ. शाहीन को मैडम सर्जन बुलाते थे आतंकी
सूत्रों के अनुसार डॉक्टर शाहीन को उसके नेटवर्क के लोग 'मैडम सर्जन' के नाम से बुलाते थे. डॉक्टर शाहीन का व्हाट्सएप डाटा खंगालने पर पता चला कि दो मोबाइल नंबर से उसे सबसे ज्यादा मैसेज और कॉल्स आते थे. लेकिन दोनों नंबर्स पर ना प्रोफाइल फोटो है ना ही किसी की पहचान. डॉ. शाहीन के मोबाइल में मैडम X, और मैडम Z के नाम से ये दो नंबर सेव मिले है. अब जांच एजेंसी इन दोनों अनजान चेहरों को तलाशने में जुटी है.
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