- दिल्ली धमाके में 20 से अधिक संदिग्ध गिरफ्तार हैं, जिनमें डॉक्टर उमर उन नबी और डॉ. शाहीन शामिल हैं
- जैश के आतंकी मॉड्यूल से जुड़े डॉक्टरों और मौलवियों की भूमिका सामने आई है, जिनमें दो मौलवी भी पकड़े गए हैं
- धमाके में इस्तेमाल कार आमिर राशिद अली ने दी थी, जो कश्मीर का रहने वाला है और अभी फरार था
Delhi Blast News: लाल किला बम धमाके के 10 दिन हो गए हैं, लेकिन दिल्ली अभी भी दर्द में है. दिल्ली बम ब्लास्ट में अब तक 20 बड़े किरदार सामने आए हैं, जिन्होंने इस पूरी साजिश को बुनने से लेकर उसे अंजाम देने में अहम भूमिका निभाई है. आत्मघाती हमलावर डॉ. उमर उन नबी, युवाओं को ब्रेनवॉश करने वाली लेडी सर्जन डॉ. शाहीन, कार देने वाले आमिर राशिद अली जैसे किरदार शामिल हैं. जैश के इस नए मॉड्यूल में 20 से ज्यादा गिरफ्तारी और संदिग्ध हिरासत में हैं. डॉ. उमर उन नबी, डॉ. मुजम्मिल और डॉक्टर आदिल अहमद भी इस फेहरिस्त में शामिल है. आतंकी डॉक्टरों के मददगार दो मौलवी इस्तियाक और इरफान अहमद भी अब दबोच लिए गए हैं.
मौलवी इरफान अहमद
मौलवी इरफान अहमद ही वो शख्स है, जिसकी शह पर डॉ. आदिल अहमद और अन्य संदिग्धों ने जैश ए मोहम्मद के पोस्टर नौगांव के आसपास चस्पा किए थे. वो पैरा मेडिकल स्टाफ के साथ एक मस्जिद में मौलवी है.
उमर का मददगार इश्तियाक
आतंकियों के फरीदाबाद मॉड्यूल का भंडाफोड़ होने के बाद उमर उन नबी फरार हो गया था. 31 अक्टूबर के बाद से वो भूमिगत रहा. आरोप है कि मौलवी इश्तियाक ने ही उसने छिपने का ठिकाना दिया था. उमर ने इश्तियाक को ही मदरसे का जिम्मा सौंपा था, सवाल है कि 10 हजार की सैलरी वाले इश्तियाक के पास जमीन खरीदने के 25 लाख कहां से आए.
बमबाज जासिर बिलाल वानी उर्फ दानिश
सुरक्षा एजेंसियों ने दिल्ली ब्लास्ट केस में जासिर बिलाल वानी को भी गिरफ्तार किया है. अनंतनाग के काजीगुंड इलाके का दानिश हमास जैसे हमले के लिए ड्रोन रॉकेट तैयार करने में जुटा था. जैश ए मोहम्मद और अंसार गजावत उल हिंद के आंतकी मॉड्यूल से जुड़ा दानिश सुसाइड बांबर उमर उन नबी का करीबी था. वो ड्राई फूट बेचने की आड़ में ये हथियार बना रहा था.
धमाके वाली कार नासिर ने दी
एनआईए ने उमर उन नबी को धमाके वाली आई20 कार देने वाली आमिर राशिद अली को भी गिरफ्तार किया था. कश्मीर का रहने वाला आमिर दिल्ली ब्लास्ट के बाद से ही फरार था. आमिर के नाम पर ही वो कार रजिस्टर्ड थी.
हापुड़ का असिस्टेंट प्रोफेसर पकड़ा गया
हापुड़ के मेडिकल कालेज का असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर फारूक उमर को भी दिल्ली पुलिस ने पकड़ा है. जम्मू का डॉक्टर फारूक एक साल से अल फलाह के कैंपस में था. फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी से फारूक एमबीबीएस एमडी कर चुका था.
- 17 अक्टूबर को कश्मीर में जैश के समर्थन में पोस्टर चिपकाए गए
- 19 अक्टूबर को मौलवी इरफान अहमद की गिरफ्तारी हुई
- 6 नवंबर को डॉ. आदिल अहमद को सहारनपुर से पकड़ा गया
- 10 नवंबर को फरीदाबाद से डॉ. मुजम्मिल शकील की गिरफ्तारी, बारूद का जखीरा पकड़ा गया
- 10 नवंबर की शाम को लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास बम धमाका हुआ
- 11 नवंबर को जैश की महिला विंग की मुखिया डॉ. शाहीन की गिरफ्तारी हुई
- 14 नवंबर को लखनऊ से डॉ. शाहीन के भाई डॉ. परवेज अंसारी की गिरफ्तारी
- 17 नवंबर को उमर के दोस्त जासिर बिलाल वानी को पकड़ा गया, ड्रोन रॉकेट बनाने में माहिर
- 17 नवंबर को ही दिल्ली धमाके में इस्तेमाल कार का मालिक आमिर राशिद अली गिरफ्तार
डॉक्टर जहूर भी कस्टडी में
पुलिस ने दिल्ली बम ब्लास्ट केस में आत्मघाती हमलावर डॉ. उमर नबी के करीबी डॉ. जहूर को हिरासत में लिया है. आतंकी डॉक्टरों के मॉड्यूल वो भी शामिल बताया जाता है.
डॉ. सज्जाद पर भी शिकंजा
दिल्ली धमाके में आतंकी डॉक्टरों के मॉड्यूल में शामिल संदिग्ध डॉ. सज्जाद भी शिकंजे में है. सज्जाद की गिरफ्तारी के 2 दिन पहले ही निकाह हुआ था. वो डॉ. उमर उन नबी और डॉ. मुजम्मिल शकील के कांटैक्ट में था.
अल फलाह का फरार डॉ. निसार
अल फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़ा डॉक्टर निसार अभी तक हत्थे नहीं चढ़ा है. निसार की बीवी और बहन को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. यूनिवर्सिटी के 10 एमबीबीएस छात्रों के मोबाइल जब्त कर उनका डेटा खंगाला जा रहा है. निसार भी उमर का बेहद करीबी है. निसार अलफलाह की मेडिसिन डिपार्टमेंट में रेजीडेंट डॉक्टर था.
डॉ. परवेज अंसारी गिरफ्तार
अल फलाह यूनिवर्सिटी में डॉ. मुजम्मिल का खास और जैश ए मोहम्मद की वुमेन विंग डॉ. शाहीन के हाथों में था. उसका भाई डॉ. परवेज अंसारी भी इस आतंकी साजिश में शामिल था. दावा किया जाता है कि परवेज भी आत्मघाती हमलावर बनने की राह पर चल पड़ा था.
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आत्मघाती हमलावर डॉ. उमर मोहम्मद
दिल्ली धमाके में कार सवार हमलावर डॉ. उमर मोहम्मद ने 10 नवंबर को लाल किला इलाके को दहला दिया था. फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी में डॉक्टर उमर का हमले के पहले का वीडियो भी सामने आया है. पुलवामा का उमर ने तुर्की में जैश के आकाओं से मुलाकात भी की थी. अल फलाह (Al Falah University) के पहले श्रीनगर और अनंतनाग में सीनियर डॉक्टर रहा और फिर वो फरीदाबाद में बस गया.
अनंतनाग का डॉक्टर डॉ. आदिल
कश्मीर के अनंतनाग का सीनियर डॉक्टर आदिल अहमद पहला वो डॉक्टर था, जिसे जैश के इस आतंकी मॉड्यूल में पकड़ा गया था.19 अक्टूबर को श्रीनगर में जैश ए मोहम्मद के पोस्टर लगाने के सीसीटीवी फुटेज से उसकी पहचान हुई और सहारनपुर से उसे धर दबोचा गया. अनंतनाग में उसके बैंक लॉकर से उसकी एके 47 मिली थी.
जैश की वुमेन विंग की कमांडर शाहीन
डॉक्टर शाहीन भी अल फलाह यूनिवर्सिटी में बने आतंकी डॉक्टरों के नेटवर्क में शामिल थी. जैश ए मोहम्मद की भारत में महिला विंग और उसके लिए महिलाओं की भर्ती का काम उसे सौंपा गया था. इस महिला विंग का नाम जमात उल मोमिनात है. जैश के सरगना मसूद अजहर की बहन सादिया अजहर ने उसे ये टॉस्क दिया था. वो वुल्फ गैंग के नाम से एक व्हाट्सएप ग्रुप भी चला रही थी, जो देर रात एक्टिव होता था. इस टेरर मॉड्यूल ग्रुप में हर शख्स का कोवर्ड नाम था. शाहीन का नाम अल्फा था.
डॉ. मुजम्मिल शकील कौन है
आदिल अहमद के सुराग पर डॉ. मुजम्मिल शकील को कश्मीर और हरियाणा की संयुक्त पुलिस टीम ने पकड़ा था. फरीदाबाद के धौज में उसके ठिकाने से 360 किलो बारूद, राइफल जैसी चीजें मिली थीं. फतेहाबाद तंग गांव में दूसरे ठिकाने से 2560 किलो से भी बारूद का जखीरा मिला था. पुलवामा का निवासी मुजम्मिल अल फलाह यूनिवर्सिटी में पढ़ाता था.













