दिल्ली BJP ने लगाए AAP पर यमुना से गाद ना निकालने के आरोप, न्यायिक जांच की मांग

भाजपा की वरिष्ठ नेता मीनाक्षी लेखी ने भी रविवार को आरोप लगाया कि दिल्ली के कुछ इलाकों में बाढ़ की स्थिति यमुना नदी से गाद ना निकालने से बने.

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नई दिल्ली:

भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली इकाई ने रविवार को इस बात की न्यायिक जांच कराने की मांग की कि क्या स्थानीय आम आदमी पार्टी की सरकार ने राजधानी में यमुना नदी और नालों से गाद निकालने का काम किया था, और यदि हां तो इस पर कितना व्यय हुआ था? दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल की सरकार ने यमुना और नालों से गाद निकालने का कार्य नहीं किया था और इसकी नाकामी का सीधा परिणाम बाढ़ है. उन्होंने कहा, ''हम न्यायिक जांच की मांग करते हैं कि क्या यमुना और नालों से गाद निकालने का कार्य हुआ है, अगर हां, तो इस पर कितना खर्च हुआ है?

आम आदमी पार्टी पर भ्रष्टाचार एवं लापरवाही का आरोप लगाते हुए सचदेवा ने बताया कि बाढ़ नियंत्रण पर अरविंद केजरीवाल नीत शीर्ष समिति की पिछले दो वर्षों में बैठक नहीं हुई है. उन्होंने कहा, ''शीर्ष समिति के नोडल अधिकारी यानी पूर्वी दिल्ली के जिलाधिकारी ने गंभीर स्थिति को लेकर चेतावनी के बारे में बताते हुए जून में बैठक बुलाने के लिए तीन बार लिखा था, लेकिन मुख्यमंत्री ने कोई कदम नहीं उठाया.'' आप सरकार ने एक बयान में दावा किया कि शहर में बाढ़ और जलभराव को लेकर मई में लगातार समीक्षाएं की गईं.

दिल्ली सरकार में मंत्री आतीशी और सौरभ भारद्वाज ने संयुक्त रूप से नौ जून को बाढ़ और जलभराव की तैयारियों की समीक्षा के लिए बैठक की थी, जिसमें पीडब्लयूडी, एमसीडी, आईएंडएफसी, डीजेबी, डीडीए और एनडीएमसी समेत अन्य विभाग शामिल थे. भाजपा की कानूनी प्रकोष्ठ की सह-संयोजक बांसुरी स्वराज ने आप सरकार पर बाढ़ की स्थिति से निपटने में अपनी 'निष्क्रियता' को 'झूठ' से छिपाने की कोशिश करने का आरोप लगाया. उन्होंने दावा किया कि नालों के पानी के वापस प्रवाह को रोकने वाली दीवारों का निर्माण वर्ष 2010 के करीब हुआ था और केजरीवाल सरकार ने कभी उनकी मरम्मत नहीं की. उन्होंने कहा कि क्षतिग्रस्त दीवारों के कारण नालों में पानी भर गया और राजघाट तथा अन्य इलाके जलमग्न हो गए.

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उन्होंने बताया कि वर्ष 2013 में हथिनीकुंड से 8 लाख क्यूसेक पानी और वर्ष 2019 में 8.28 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था लेकिन उस समय बाढ़ जैसी स्थिति नहीं थी. इस बार केवल 3.5 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिससे पूरी दिल्ली में बाढ़ आ गई. स्वराज ने दावा किया, 'इसका कारण यह है कि केजरीवाल सरकार ने सारा पैसा अपने भ्रष्टाचार और प्रचार में बर्बाद कर दिया. दिल्ली की यमुना और नालों को साफ नहीं किया.'

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आप के नेता भाजपा पर हथिनीकुंड बैराज से यमुना में भारी मात्रा में पानी छोड़ कर दिल्ली में बाढ़ की साजिश रचने का आरोप लगाते रहे हैं. भाजपा की वरिष्ठ नेता मीनाक्षी लेखी ने भी रविवार को आरोप लगाया कि दिल्ली के कुछ इलाकों में बाढ़ की स्थिति यमुना नदी से गाद ना निकालने से बने. इसके साथ ही उन्होंने पूछा कि अरविंद केजरीवाल सरकार ने बाढ़ में हुए फसलों और संपत्ति के नुकसान को लेकर किसानों एवं अन्यों के लिए मुआवजे की घोषणा क्यों नहीं की है?

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यहां आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आप हर विपरीत परिस्थिति में 'राजनीति करना चाहती है' और इस पार्टी के नेता केवल ''फोटो खिंचाने'' के लिए जाते हैं लेकिन बाढ़ से प्रभावित जनता की सेवा करने के लिए कोई प्रयास नहीं करते हैं.

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लेखी ने संवाददाताओं से कहा,''इसका जवाब तो केजरीवाल ही दे सकते हैं. जो गाद निकालनी थी और अगर पांच साल के लिए 6800 करोड़ रुपये का बजट यमुना की सफाई के लिए था तो हम जानना चाहेंगे कि वो पैसा कहां खर्च हुआ. जब गाद नहीं निकाली तो पैसा कहां चला गया? मुझे लगता है कि इस खर्च की जांच होनी चाहिए.''

लेखी ने केजरीवाल के 14 जुलाई को किए गए ट्वीट को लेकर सवाल उठाया था जिसमें लिखा था,'' करीब 20 घंटे की लगातार मशक्कत के बाद आईटीओ बैराज का बंद पड़ा दरवाजा खोला गया. गोताखोर दल ने मशीन की मदद से गाद निकालकर क्रेन से दरवाजे को खोला. जल्द ही पांचों दरवाजे खोल दिए जाएंगे.''

लेखी ने दावा किया कि ट्वीट में मुख्यमंत्री ने लिखा कि पानी के अंदर से गाद निकाली गई इसका अर्थ है कि गाद निकालने का काम (पहले) नहीं किया गया था. उन्होंने बताया कि बाढ़ से 25,000 लोग रास्ते पर आ गए हैं. किसानों की फसल तबाह हो गई है और अन्य को संपत्ति का नुकसान हुआ है.

पिछले एक सप्ताह से यमुना उफान पर थी, जिसमें बुधवार को जलस्तर बढ़कर 207.71 मीटर हो गया. इसने वर्ष 1978 में दर्ज हुए यमुना के जलस्तर के 207.71 मीटर के सर्वकालिक रिकॉर्ड को भी पार कर लिया. यमुना में बाढ़ से राष्ट्रीय राजधानी के कई प्रमुख इलाकों में पानी भर गया और बड़ी संख्या में लोग फंस गए.

यमुना का जलस्तर शुक्रवार को गिरकर 207.98 मीटर पर आ गया जो बृहस्पतिवार को खतरे के निशान से तीन मीटर ऊपर 208.66 मीटर पर था. नदी का जलस्तर रविवार को 205.98 मीटर दर्ज किया गया. हालांकि यमुना का जलस्तर घट रहा है लेकिन इस मुद्दे पर राजनीति लगातार जारी है.
 

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