कांग्रेस ही नहीं ओवैसी ने भी बिगाड़ा खेल, जानिए कैसे AIMIM ने AAP के वोट बैंक में लगाया डेंट

उत्तर पूर्वी दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर फरवरी 2020 में हुए दंगों की चपेट में आईं छह विधानसभा सीटों में से आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने तीन-तीन सीट पर जीत दर्ज की है.

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नई दिल्ली:

दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi assembly elections) के परिणाम ने आम आदमी पार्टी के लिए बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है. पिछले 12 साल में लगातार विस्तार देखने वाली पार्टी को पहली बार बड़ा झटका लगा है. जिस दिल्ली मॉडल के दम पर आम आदमी पार्टी पूरे देश में चुनाव लड़ती रही थी उस दिल्ली में ही मिली हार ने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. लंबे समय से चुप रहे आलोचक भी सवाल खड़े करने लगे हैं. राजनीति के जानकार इस हार का विश्लेषण कर रहे हैं. दिल्ली की 7 प्रमुख मुस्लिम सीटों में से 6 पर आम आदमी पार्टी को जीत मिली है लेकिन एक सीट मुस्तफाबाद में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है. इस हार के पीछे ओवैसी को बड़ा फैक्टर माना जा रहा है. 

मुस्तफाबाद में कैसे हारी आम आदमी पार्टी? 
मुस्तफाबाद सीट पर बीजेपी के मोहन सिंह बिष्ट ने 85215 वोट प्राप्त किया और आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार को लगभग 18 हजार मतों से हराया. ‘आप' के आदिल अहमद खान को 67637 वोट मिले. मुस्तफाबाद सीट पर काग्रेस के उम्मीदवार ने भी लगभग 11 हजार वोट प्राप्त किया. हालांकि जीत और हार का अंतर इससे अधिक रहा. आम आदमी पार्टी की हार में सबसे अहम फैक्टर ओवैसी की पार्टी के मोहम्मद ताहिर हुसैन को मिले वोट साबित हुए. मोहम्मद ताहिर हुसैन को 33474 वोट मिले.

आने वाले चुनावों में ओवैसी बन सकते हैं बड़े फैक्टर
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 एआईएमआईएम के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट की तरह था. इस चुनाव के बाद आने वाले दिनों में दिल्ली के उन तमाम मुस्लिम सीटों पर ओवैसी की पार्टी की तरफ से दावा की जा सकती है.  मुस्लिम वोट बैंक की राजनीति में दिल्ली में ओवैसी की एंट्री ने आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के लिए एक चुनौती पेश की है. 

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दोनों सीटों पर AIMIM का क्या रहा हाल? 
दिल्ली विधानसभा चुनाव के ऐलान के बाद ओवैसी ने 2 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कही थी मुस्तफाबाद और ओखला. ये दोनों ही सीट रणनीतिक तौर पर बेहद महत्वपूर्ण थे.  ओखला विधानसभा सीट को मुस्लिम बाहुल्य सीट माना जाता है. इस सीट को आम आदमी पार्टी के नेता अमानतुल्लाह खान का गढ़ भी माना जाता है. लेकिन इस सीट पर इस चुनाव में एआईएमआईएम के प्रत्याशी शिफा उर रहमान ने 39558 वोट प्राप्त कर बड़ी चुनौती पेश कर दी.

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मुस्तफाबाद सीट को भी बेहद महत्वपूर्ण सीट माना जाता है. इस सीट पर ‘आप' की तरफ से आदिल अहमद खान को मैदान में उतारा था.  इस सीट पर ओवैसी के प्रत्याशी को काफी वोट मिले और इस सीट पर आपकी हार का यह बड़ा कारण रहा. मुस्तफाबाद के मुस्लिम समुदाय 2020 के दंगों के बाद आम आदमी पार्टी से नाराज चल रहे थे इसका असर भी इस चुनाव में देखने को मिला. 

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जानकारों का क्या है मानना? 
मुस्लिम राजनीति के जानकार एवं ‘सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज़ (CSDS) में एसोसिएट प्रोफेसर हिलाल अहमद ने ‘पीटीआई-भाषा' से बातचीत में कहा कि यह चुनाव उम्मीदवार केंद्रित था, क्योंकि चुनाव से पहले नेताओं ने जिस तरह से दल बदल किया, उसके बाद मतदाताओं ने उम्मीदवार देखकर वोट दिया. उन्होंने कहा कि पूरी दिल्ली में जिस तरह से लोगों ने मतदान किया है, उसी तरह से मुस्लिम समुदाय ने भी मतदान किया है तथा समुदाय ने भी उम्मीदवार को देखकर वोट दिया है.

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दंगा प्रभावित छह विस सीटों में से तीन ‘आप' व तीन भाजपा ने जीतीं
उत्तर पूर्वी दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर फरवरी 2020 में हुए दंगों की चपेट में आईं छह विधानसभा सीटों में से आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तीन-तीन सीट पर जीत दर्ज की है.  साल 2020 के विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के कुछ दिन बाद भड़की हिंसा की चपेट में सीलमपुर,बाबरपुर, घोंडा, गोकलपुरी(एससी), मुस्तफाबाद व करावल नगर आए थे.  इनमें से सीलमपुर, बाबरपुर और गोकलपुरी में ‘आप' ने जीत दर्ज की. वहीं, घोंडा, मुस्तफाबाद और करावल नगर में भाजपा के प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है. 

सीलमपुर में ‘आप' के चौधरी जुबैर अहमद ने भाजपा के अनिल कुमार शर्मा को 42,477 मतों से हराया.  अहमद को 59.21 प्रतिशत वोट मिले, जबकि शर्मा को 27.38 फीसदी वोट मिले.  कांग्रेस के अब्दुल रहमान को केवल 12.4 प्रतिशत वोट मिले. वह इस सीट से ‘आप' के विधायक थे और टिकट न मिलने की वजह से कांग्रेस में शामिल हो गए थे. 

‘आप' के दिल्ली संयोजक और दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय ने बाबरपुर सीट 18,994 मतों के अंतर से तीसरी बार जीती. उन्हें 53.19 प्रतिशत वोट मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी भाजपा के अनिल कुमार वशिष्ठ को 39.33 फीसदी मत हासिल हुए.  कांग्रेस के मोहम्मद इशराक खान मात्र 8,797 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे. 

गोकलपुर सीट से ‘आप' के उम्मीदवार सुरेन्द्र कुमार ने भाजपा के प्रवीण निमेश को 8,207 मतों के अंतर से हराया.  घोंडा सीट पर भाजपा के अजय महावर ने 26,058 वोट से जीत दर्ज की। उन्हें 56.96 प्रतिशत रहा। उनके प्रतिद्वंद्वी ‘आप' के गौरव शर्मा को 38.41 फीसदी वोट मिले.  करावल नगर सीट पर भाजपा के कपिल मिश्रा ने जीत दर्ज की उन्होंने ‘आप' के मनोज कुमार त्यागी को 23,355 वोट से हराया.  इस सीट पर भाजपा और ‘आप' का मत प्रतिशत क्रमश: 53.39 प्रतिशत और 41.78 प्रतिशत रहा। कांग्रेस को इस सीट पर सिर्फ 1.95 प्रतिशत वोट मिले. 

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