दिल्ली एयरपोर्ट जाने वाले ध्यान दें, IGI पर टर्मिनल हो गया चेंज: जानिए आपकी फ्लाइट अब कहां से भरेगी उड़ान

इंडिगो और अकासा जैसी एयरलाइंस ने यात्रियों को सूचित किया है कि उनकी उड़ानें अब टी1 से संचालित होंगी.

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नई दिल्ली:

दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट (IGI) का टर्मिनल 2 (T2) 14 अप्रैल 2025 की मध्यरात्रि से रिनोवेशन के लिए बंद हो गया है. अब सभी उड़ानें टर्मिनल 1 (T1) में शिफ्ट हो गई हैं, जो 15 अप्रैल 2025 से प्रभावी है. इस कदम यात्रियों को कुछ परेशानी की आशंका है हालांकि अधिकारियों का मानना है कि टर्मिनल 1 इस अतिरिक्त लोड को संभालने के लिए तैयार है.  

हाल ही में टी1 का विस्तार किया गया था. जिसकी वार्षिक क्षमता अब 40 मिलियन यात्रियों तक पहुंच गई है, जो पहले की तुलना में दोगुनी है.  यह विस्तार टी2 के बंद होने के दौरान अतिरिक्त लोड संभालने के लिए किया गया, जिससे परिचालन में कम परेशानी की उम्मीद है. 

रिनोवेशन परियोजना 4-6 महीने तक चलेगी और इसमें आधुनिक तकनीक जैसे स्वायत्त डॉकिंग, नई छतें, प्राकृतिक रोशनी, और बेहतर कनेक्टिविटी को और बेहतर करने की योजना है. इसका उद्देश्य 40 साल पुराने टर्मिनल को आधुनिक जरूरतों के अनुसार ढालना है. डीआईएएल (दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड) के सीईओ विधि कुमार जयपुरियार ने बताया है कि यह रिनोवेशन बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए जरूरी है. 

विमान कंपनी यात्रियों को कर रही है सूचित
इंडिगो और अकासा जैसी एयरलाइंस ने यात्रियों को सूचित किया है कि उनकी उड़ानें अब टी1 से संचालित होंगी. इंडिगो ने वेबसाइट या मोबाइल ऐप पर पीएनआर की जांच करने की सलाह दी है, जबकि अकासा ने उड़ान की स्थिति जांचने को कहा है. टी3 और टी1 के बीच कनेक्टिंग यात्रियों के लिए डीआईएएल बैगेज ट्रांसफर ट्रायल शुरू कर रहा है.

जेवर एयरपोर्ट पर अब सबकी नजर
बताते चलें कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जेवर, अप्रैल 2025 के अंत तक संचालन शुरू कर देगा. पहली फेज में 1.2 करोड़ यात्रियों की क्षमता होगी, जो आने वाले वर्षों में 7 करोड़ तक बढ़ेगी. यह आईजीआई की भीड़ कम करने में मदद करेगा, गौरतलब है कि इंदिरा गांधी एयरपोर्ट वर्तमान में सालाना 11 करोड़ यात्रियों को संभालता है.  

टी2 के रिनोवेशन के बाद फिर से खुलने और जेवर एयरपोर्ट के संचालन शुरू होने के बा दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में हवाई यातायात की क्षमता में वृद्धि होगी. यह कदम न केवल आईजीआई की भीड़ कम करेगा, बल्कि क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ावा देगा. डीआईएएल और संबंधित अधिकारियों का मानना है कि ये विकास परियोजनाएं यात्रियों के लिए लंबी अवधि में लाभकारी होंगी, खासकर घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी के मामले में.  
 

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