- केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि दिल्ली के प्रदूषण में लगभग 40 प्रतिशत योगदान ट्रांसपोर्ट सेक्टर का है
- दिल्ली में प्रदूषण का स्तर खतरनाक हो गया है और एयर क्वालिटी इंडेक्स 413 से ऊपर पहुंच गया है
- प्रदूषण नियंत्रण के लिए दिल्ली-NCR में GRAP-IV लागू कर ट्रकों पर पानी के स्प्रिंकलर जैसे सख्त कदम उठाए गए हैं
दिल्ली में पॉल्यूशन का लेवल इमरजेंसी जैसे हालात पैदा कर रहा है. इस बीच केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बड़ा बयान दिया है. गडकरी ने कहा कि दिल्ली के पॉल्यूशन में 40 प्रतिशत हिस्सेदारी ट्रांसपोर्ट सेक्टर की है.
2 दिन दिल्ली में रहा तो गला खराब हो जाता है
Delhi Air Crisis: प्रदूषण के असर पर बात करते हुए गडकरी ने कहा, "दिल्ली आज प्रदूषण से त्रस्त है. मैं खुद जब दिल्ली में दो दिन रुकता हूं, तो मुझे गले में इंफेक्शन हो जाता है. एक सड़क परिवहन मंत्री होने के नाते मैं यह स्वीकार करता हूँ कि हमारे क्षेत्र से लगभग 40 प्रतिशत प्रदूषण जुड़ा हुआ है."
फॉसिल फ्यूल पर बरसे गडकरी
गडकरी ने देश की जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा, "भारत सालाना लगभग ₹22 लाख करोड़ जीवाश्म ईंधन के आयात पर खर्च करता है. क्या हम फॉसिल फ्यूल का उपयोग कम नहीं कर सकते? यह किस तरह की राष्ट्रभक्ति है? जीवाश्म ईंधन सीमित हैं और प्रदूषण बढ़ रहा है. हम इलेक्ट्रिक गाड़ियों और हाइड्रोजन से चलने वाली गाड़ियों को बढ़ावा क्यों नहीं दे सकते, जिनसे जीरो पॉल्यूशन होता है."
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AQI 413 के पार
गडकरी की यह टिप्पणी तब आई जब दिल्ली की हवा की क्वालिटी तेजी से खराब हो रही है. मंगलवार को सुबह करीब 8 बजे एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) खतरनाक लेवल 413 पर रिकॉर्ड किया गया, जिससे विजिबिलिटी और लोगों की सेहत पर गंभीर असर पड़ा. सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) के अनुसार, नेशनल कैपिटल रीजन (NCR) के कई हिस्सों में हवा की क्वालिटी गंभीर लेवल पर पहुंच गई है.
प्रदूषण के बड़े हॉटस्पॉट में आनंद विहार (AQI 466), अशोक विहार (444) और चांदनी चौक (425) शामिल थे. इंडिया गेट, कर्तव्य पथ और राष्ट्रपति भवन के आसपास के इलाके भी जहरीले धुएं की चादर से ढके हुए थे, जहां AQI 384 रिकॉर्ड किया गया, जिसे 'बहुत खराब' कैटेगरी में रखा गया है.
उठाए गए सख्त कदम
खतरनाक प्रदूषण लेवल को देखते हुए कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने दिल्ली-NCR में GRAP स्टेज-IV के तहत सभी उपाय लागू किए हैं. इमरजेंसी कदमों के तहत धूल को दबाने और पार्टिकुलेट प्रदूषण को कम करने के लिए ट्रक पर लगे पानी के स्प्रिंकलर तैनात किए गए.
वहीं दूसरी ओर संसद में भी इसकी गूंज सुनाई दी. राहुल गांधी ने इसे नेशनल हेल्थ इमरजेंसी करार देते हुए संसद में इस पर विशेष चर्चा की मांग की. हालांकि, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बहस न होने पर दुख जताया और कहा कि सरकार चर्चा के लिए पूरी तरह तैयार थी.














