कोरोना पीड़ित परिवारों तक सरकारी मदद पहुंचने में हो रही देरी, अधिकारियों पर भड़के CM केजरीवाल

दिल्ली सरकार ने कोरोना से जान गंवाने वालों के परिवारों की मदद के लिए योजना बनाई है जिसका नाम है मुख्यमंत्री कोविड-19 परिवार आर्थिक सहायता योजना.

विज्ञापन
Read Time: 22 mins
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल.
नई दिल्ली:

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोरोना से जान गंवाने वाले परिवारों को सरकारी सहायता मिलने में आ रही समस्या को लेकर अधिकारियों से नाराजगी जाहिर की है. पीड़ित परिवारों को सरकारी दफ्तर बुलाने और विभिन्न तरह के दस्तावेज मांगने से बेहद खफा थे. उन्होंने कोरोना से हुई मौत पर डेथ सर्टिफिकेट और सर्वाइविंग मेंबर सर्टिफिकेट की आवश्यकता को सिरे से खारिज किया.

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सख्त निर्देश जारी किया कि कोरोना से हुई मौत को सत्यापित करने के लिए गृह मंत्रालय से जारी सूची पर्याप्त है. इसके लिए किसी भी अतिरिक्त दस्तावेज की आवश्यकता नहीं है. शुक्रवार को दिल्ली सचिवालय में हुई अहम बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि गृह मंत्रालय की लिस्ट से मृतकों का नाम सत्यापित कर तत्काल सहायता राशि वितरित करें.

दरअसल, दिल्ली सरकार ने कोरोना से जान गंवाने वालों के परिवारों की मदद के लिए योजना बनाई है जिसका नाम है मुख्यमंत्री कोविड-19 परिवार आर्थिक सहायता योजना. इसके तहत कोरोना के चलते जानव गंवाने वाले हर व्यक्ति के परिवार को ₹50,000 का एकमुश्त मुआवजा दिया जाएगा जबकि आश्रितों को हर महीने ₹2500 की मदद दी जाएगी इसी योजना में जो पीड़ित परिवारों के लोग सहायता के लिए आवेदन कर रहे हैं लेकिन ज़रूरी दस्तावेज के नाम पर उनको सरकारी सहायता मिलने में दिक्कत हो रही है. इसीलिए सीएम केजरीवाल ने संबंधित अधिकारियों को बैठक के दौरान साफ कहा कि 'बुधवार तक हर हाल में घर जाकर सभी पीड़ितों को इस राशि का वितरण कर दें. इस संबंध में बुधवार को फिर समीक्षा बैठक की जाएगी'

Advertisement

 केजरीवाल ने बैठक के दौरान ही बुलाया एक पीड़ित
कोरोना पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता मिलने में आ रही दिक्कत की खबरों के चलते मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार की बैठक के दौरान एक पीड़ित को ही दिल्ली सचिवालय में चल रही इस बैठक में बुला लिया और कहा कि बताओ आपको क्या समस्या हुई तो पीड़ित ने बताया कि 'मेरे पिता की कोरोना से मौत पर एक शिक्षक ने मेरे घर आकर फार्म भरवाया और सत्यापन करने का लेटर भी दिया. इसके बाद मेरे पास फोन आया कि आपको ऑनलाइन फार्म भरना होगा. मैने ऑनलाइन आवेदन जमा भी जमा कर दिया. फिर एसडीएम कार्यालय से फोन आया कि आप सारे डॉक्यूमेंट लेकर आइए और भौतिक सत्यापन कराइए. साथ ही, मुझसे आरटीपीसीआर रिपोर्ट भी मांगी गई. तो मैंने कहा मेरे पास आरटीपीसीआर रिपोर्ट नहीं है. तब कहा गया कि आरटी-पीसीआर रिपोर्ट अवश्य चाहिए. इसके बाद मैं एसडीएम कार्यालय जाकर अपनी समस्या बताई, तब उन्होंने सत्यापित किया कि मेरे पिता की कोरोना से मौत हुई थी'

पीड़ित की ओर से बताई गई आपबीती के बाद समीक्षा बैठक में मौजूद अधिकारी भी हैरान रह गए. मुख्य सचिव विजय देव ने भी नाराजगी जाहिर की. इसके बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने अधिकारियों से कहा कि 'हमारी व्यवस्था इस तरह की होनी चाहिए कि हम पीड़ित के घर जाएं और उनके खाते में सहायता राशि ट्रांसफर करके आएं. हमारी व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए थी कि जनता हमें शाबाशी दे. हालांकि अब भी बहुत देर नहीं हुई है. हमें अभी से ही अपनी कार्य प्रणाली में सुधार लाना है. अब आप उनके घर जाइए और सत्यापन करिए. सत्यापन होने के बाद वहीं से लाभार्थी के बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर कीजिए'

Advertisement

'7163 लोगों को मिली अनुग्रह राशि'
समीक्षा बैठक में अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री परिवार आर्थिक सहायता योजना के अंतर्गत एकमुश्त अनुग्रह राशि (50 हजार रुपए) प्राप्त करने के लिए 25709 आवेदन आए हैं. इसमें से स्वास्थ्य विभाग की तरफ से गृह मंत्रालय की सूची से 24,475 आवेदनों का मिलान कर लिया गया है. इन आवेदकों के घर का विजिट करने के लिए 1130 टीमें बनाई गई हैं और 2019 कर्मचारी लगाए गए हैं. कर्मचारियों ने करीब 19 हजार आवेदकों के घरों का दौरा कर सत्यापन कर लिया है. सत्यापन के दौरान 1250 लोगों ने अनुग्रह राशि लेने से इन्कार कर दिया है. वहीं, स्वास्थ्य विभाग ने 24,475 आवेदकों में से 9043 आवेदकों को योजना से लाभांवित करने की मंजूरी प्रदान की है और अभी तक 7163 लाभार्थियों के खाते में अनुग्रह राशि भेजी गई है. वहीं, 1425 आवेदनों को विभिन्न कारणों से रद्द कर दिया गया है. इसके अलावा, अधिकारियों ने सीएम को अवगत कराया कि योजना के तहत मासिक वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए 6700 आवेदन आए हैं. इसमें से 3648 आवेदनों को मंजूरी प्रदान की जा चुकी है और 3131 लाभार्थियों को मासिक वित्तीय सहायता का लाभ मिल रहा है. अभी तक इनके खाते में 1 करोड़ 56 लाख 57 हजार 500 रुपए ट्रांसफर किया जा चुका है.
 

Advertisement

स्वास्थ्य को लेकर पंजाब से AAP के छह बड़े वादे, आप भी जानें

Featured Video Of The Day
Bijnaur: तेज रफ्तार कार ने टेंपो को मारी टक्कर, 7 यात्रियों की मौत
Topics mentioned in this article