LAC पर मजबूत हुई भारत की ताकत, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने 75 प्रोजेक्ट्स का किया शुभारंभ

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक ये परियोजनाएं छह राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों में फैली हुई हैं. इनमें से जम्मू और कश्मीर में 20, लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में 18, उत्तराखंड में 5 और अन्य सीमावर्ती राज्यों सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और राजस्थान में 14 परियोजनाएं हैं.

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राजनाथ सिंह ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का विकास तेज गति से हो रहा है.

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने शुक्रवार को लद्दाख (Ladakh) दौरे के दौरान आयोजित एक समारोह में छह राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों में फैली 75 बीआरओ बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया. इनमें 45 पुल, 27 सड़कें, दो हेलीपैड और एक कार्बन न्यूट्रल हैबिटेट शामिल हैं. इनमें से 20 परियोजनाएं जम्मू-कश्मीर संभाग में निर्मित की गई हैं.

वहीं, लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में 18-18, उत्तराखंड में पांच और 14 अन्य सीमावर्ती राज्य सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और राजस्थान में हैं. रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण परियोजनाओं का निर्माण बीआरओ द्वारा रिकॉर्ड समय में 2180 करोड़ रुपये की कुल लागत से किया है.

छह राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों में फैली हुई परियोजनाएं
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक ये परियोजनाएं छह राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों में फैली हुई हैं. इनमें से जम्मू और कश्मीर में 20, लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में 18, उत्तराखंड में 5 और अन्य सीमावर्ती राज्यों सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और राजस्थान में 14 परियोजनाएं हैं. 

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कार्बन न्यूट्रल हैबिटेट का हुआ उद्घाटन
इसके साथ ही 19,000 फीट की ऊंचाई पर बनाए गए कार्बन न्यूट्रल हैबिटेट का उद्घाटन किया गया. यह देश का पहला कार्बन न्यूट्रल केंद्र शासित प्रदेश बनने के संकल्प में बीआरओ का प्रयास है. इस परिसर की प्रमुख विशेषताओं में 57 कर्मियों का आवास और चरम मौसम के दौरान थर्मल आराम शामिल हैं. यह सर्दियों के बड़े हिस्से के दौरान बीआरओ को कुशलतापूर्वक संचालित करने में सक्षम बनाएगा.

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सीमावर्ती इलाकों में बुनियादी ढांचे का हो रहा विकास 
राजनाथ सिंह ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का विकास तेज गति से हो रहा है. आजादी के बाद लंबे समय तक इस ओर ध्यान नहीं दिया गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार इसपर काम कर रही है. सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) सीमावर्ती इलाकों में बुनियादी ढांचे का विकास कर रहा है. सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोग आम लोग नहीं हैं. वे हमारी सामरिक संपत्ति हैं. 

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रक्षा तैयारियों को बढ़ावा देंगी ये परियोजनाएं
रक्षा मंत्री ने कहा कि परियोजनाएं देश की रक्षा तैयारियों को बढ़ावा देंगी और सीमावर्ती क्षेत्रों के आर्थिक विकास को सुनिश्चित करेंगी. आयोजन का मुख्य आकर्षण 14,000 फीट की ऊंचाई पर डी-एस-डीबीओ रोड पर 120 मीटर लंबे क्लास 70 श्योक सेतु का उद्घाटन रहा. पुल सामरिक रूप से अहम है. पूर्वी लद्दाख के हानले और थाकुंग में दो हेलीपैड भी निर्मित किए गए हैं. ये हेलीपैड क्षेत्र में भारतीय वायु सेना की परिचालन क्षमताओं को बढ़ाएंगे.

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इस अवसर राजनाथ सिंह ने देश की सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए दूर-दराज के क्षेत्रों की प्रगति सुनिश्चित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता के बारे में बताया. उन्होंने नई 75 परियोजनाओं को विरासत करार दिया और कहा कि ये पुल, सड़क और हेलीपैड देश के पश्चिमी, उत्तरी और उत्तर-पूर्वी हिस्सों के दूर-दराज के क्षेत्रों में सैन्य और नागरिक परिवहन की सुविधा प्रदान करेंगे.

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