मानहानि मामला: राहुल गांधी की याचिका पर गुजरात उच्च न्यायालय शुक्रवार को सुनाएगा फैसला

उच्च न्यायालय द्वारा बृहस्पतिवार को जारी सूची के अनुसार न्यायमूर्ति हेमंत प्रच्छक की अदालत शुक्रवार सुबह 11 बजे फैसला सुनाएगी. दोषसिद्धि पर रोक लगने से गांधी की संसद सदस्यता बहाल होने का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा.

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अहमदाबाद: गुजरात उच्च न्यायालय कांग्रेस नेता राहुल गांधी की उस याचिका पर शुक्रवार को अपना फैसला सुनाएगा, जिसमें उन्होंने मोदी उपनाम वाली टिप्पणी को लेकर आपराधिक मानहानि मामले में उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाने का अनुरोध किया है.
उच्च न्यायालय द्वारा बृहस्पतिवार को जारी सूची के अनुसार न्यायमूर्ति हेमंत प्रच्छक की अदालत शुक्रवार सुबह 11 बजे फैसला सुनाएगी. दोषसिद्धि पर रोक लगने से गांधी की संसद सदस्यता बहाल होने का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा.

न्यायमूर्ति प्रच्छक ने मई में राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोई अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था और कहा था कि वह ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद अंतिम आदेश पारित करेंगे. राहुल गांधी के वकील ने 29 अप्रैल को सुनवाई के दौरान गुजरात उच्च न्यायालय में तर्क दिया था कि एक जमानती एवं गैर-संज्ञेय अपराध के लिए अधिकतम दो साल की सजा का मतलब है कि उनके मुवक्किल अपनी लोकसभा सीट खो सकते हैं.

गुजरात में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक पूर्णेश मोदी द्वारा दायर 2019 के मामले में सूरत की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने 23 मार्च को राहुल गांधी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 499 और 500 (आपराधिक मानहानि) के तहत दोषी ठहराते हुए दो साल जेल की सजा सुनाई थी. 

फैसले के बाद गांधी को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। राहुल गांधी 2019 में केरल के वायनाड से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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