- पीएम मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख कर आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी.
- PM ने RSS के शताब्दी वर्ष पर उसकी प्रशंसा की, जबकि कांग्रेस ने आजादी के आंदोलन में RSS की भूमिका पर सवाल उठाए.
- आत्मनिर्भर भारत के तहत युवाओं को रोजगार देने के लिए प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना की शुरुआत की गई.
लगातार 12वीं बार लाल किले के प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करने वाले नरेंद्र मोदी देश के दूसरे प्रधानमंत्री बन गए हैं. आज उन्होंने लगातार 12वीं बार तिरंगा फहरा कर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का रिकॉर्ड तोड़ दिया. अपने तीसरे कार्यकाल में पीएम मोदी का यह दूसरा संबोधन था जिसमें उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख कर आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे पाकिस्तान को दो टूक शब्दों में चेतावनी दी. हालांकि पीएम मोदी का भाषण ऐसे समय हुआ जब अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ के कारण अर्थव्यवस्था को लेकर चिंता जताई जा रही है. लिहाजा पीएम मोदी ने आर्थिक मोर्चे पर देश को आश्वस्त भी किया.
उन्होंने दीपावली पर आम लोगों को एक बड़े उपहार का उल्लेख करते हुए जीएसटी में बड़े सुधार का ऐलान किया है. यह एक बड़ा कदम है जिससे कई आवश्यक वस्तुओं के दाम कम हो जाएंगे. यह मांग को बढ़ावा देगा और इससे अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी. इस कदम के लिए व्यापक राजनीतिक सहमति की आवश्यकता थी क्योंकि विपक्ष के शासन वाले राज्य राजस्व में कमी की आशंका के चलते इसका विरोध कर रहे थे. किंतु पीएम मोदी का लाल किले से ऐलान यह बता रहा है कि सरकार ने इस दिशा में आगे बढ़ने का निर्णय कर लिया है.
विधानसभा चुनावों पर नजर!
पीएम मोदी की नजरें आने वाले विधानसभा चुनावों पर भी है. उन्होंने घुसपैठ को देश की डेमोग्राफी बदलने का एक बड़ा षडयंत्र बताते हुए इससे निपटने के लिए मिशन की शुरुआत करने की बात कही है. घुसपैठ का मुद्दा बीजेपी झारखंड जैसे राज्यों के विधानसभा चुनाव में भी उठा चुकी है. अगले साल की शुरुआत में होने वाले पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनावों के मद्देनजर लाल किले से पीएम मोदी का यह मुद्दा उठाना काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
आरएसएस की प्रशंसा, कांग्रेस को मिर्ची
बीजेपी और आरएसएस के संबंधों के बारे में पिछले कुछ महीनों में काफी कुछ कहा गया है. खासतौर से पिछले लोक सभा चुनाव में बीजेपी आरएसएस के रिश्तों में खटास की बात कही गई और कहा गया कि इसके कारण बीजेपी को नुकसान उठाना पड़ा. हालांकि इसके बाद से पीएम मोदी नागपुर में संघ से जुड़े एक कार्यक्रम में गए और कई मंचों पर आरएसएस की प्रशंसा कर चुके हैं. आज लाल किले से उन्होंने आरएसएस के शताब्दी वर्ष का उल्लेख कर सभी स्वयंसेवकों का अभिनंदन किया. उन्होंने इसे विश्व का सबसे बड़ा गैर सरकारी संगठन एनजीओ बताया. यह निश्चित तौर पर विपक्ष को रास नहीं आएगा. कांग्रेस ने तुरंत इस पर प्रतिक्रिया भी कर दी और पूछा कि स्वतंत्रता आंदोलन में आरएसएस का क्या योगदान था.
युवाओं के लिए योजना, आत्मनिर्भरता पर जोर
पीएम मोदी ने आत्मनिर्भर भारत पर भी जोर दिया. उन्होंने युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए पूछा कि क्या भारत में फाइटर प्लेन नहीं बनना चाहिए. युवाओं के लिए रोजगार को बढ़ावा देने के लिए आज से ही प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना को लागू करने का ऐलान किया जिसमें प्राइवेट सेक्टर में पहली बार नौकरी पाने वाले युवाओं को ₹15,000 की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. यह एक लाख करोड़ रुपए की योजना है. साथ ही साढ़े तीन करोड़ युवाओं को रोजगार के अवसर देने का लक्ष्य भी रखा गया है. पीएम मोदी ने ऑपरेशन गगन यान और नेशनल डीप वॉटर मिशन की घोषणा भी की है. साथ ही भारत का अपना स्पेस सेंटर बनाने का भी उल्लेख किया है.
...और क्या कुछ कहा पीएम मोदी ने?
आतंकवाद के मुद्दे पर पीएम मोदी ने पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया है. जन्माष्टमी से ठीक पहले जयद्रथ प्रसंग का उल्लेख कर पीएम मोदी ने स्पष्ट कर दिया कि उनकी सरकार आतंकवाद के समूल नाश के लिए दृढ़संकल्प है. उन्होंने सिंधु जल संधि का उल्लेख किया और कहा कि पानी और खून साथ-साथ नहीं बह सकते.
पीएम मोदी ने हरित ऊर्जा, रक्षा क्षेत्र, कृषि कल्याण और मेडिसिन क्षेत्र में उठाए गए कदमों का भी उल्लेख किया. अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते के लिए चल रही बातचीत के मद्देनजर स्पष्ट किया कि किसानों के हितों के साथ कोई समझौता नहीं होगा.
पीएम मोदी ने सेमीकंडक्टर क्षेत्र में भारत की बड़ी उपलब्धि का उल्लेख किया. साथ ही 2047 तक भारत की न्यूक्लियर ऊर्जा की क्षमता को तिगुना करने की बात भी कही. भारत की अर्थव्यवस्था को 2047 तक 10 ट्रिलियन डॉलर की बनाने के लिए रिफॉर्म टास्क फोर्स के गठन का ऐलान भी किया.
राहुल और खरगे समारोह से दूर
इस बार लाल किले के समारोह से लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और राज्य सभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे दूर रहे. इसके पीछे पिछले साल के समारोह में राहुल गांधी की सीट को लेकर हुआ विवाद बताया जा रहा है. जिस तरह कांग्रेस आरएसएस के जिक्र को मुद्दा बना रही है, ठीक वैसे ही बीजेपी भी राहुल गांधी और खरगे की अनुपस्थिति को मुद्दा बना सकती है.