कृषि कानून वापस लेने का फैसला पहले ही कर लेना चाहिए था: मायाव​ती

माया​वती ने कहा कि सरकार ने इन विवादित कानूनों को वापस लेने की घोषण बहुत देर से की, सरकार को यह फैसला पहले ही ले लेना चाहिए था. उन्होंने कहा अगर यह फैसला सरकार पहले ले लेती तो देश कई प्रकार के झगड़े व झंझटों से बच जाता.

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मायावती ने कहा कृषि कानून वापस लेने का फैसला पहले ही कर लेना चाहिए था.

नई दिल्ली:

नरेंद्र मोदी सरकार के तीन कृषि कानूनों के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए माया​वती ने कहा कि सरकार ने इन विवादित कानूनों को वापस लेने की घोषण बहुत देर से की, सरकार को यह फैसला पहले ही ले लेना चाहिए था. उन्होंने कहा अगर यह फैसला सरकार पहले ले लेती तो देश कई प्रकार के झगड़े व झंझटों से बच जाता. गौरतलब है कि शुक्रवार को देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह ऐलान किया कि सरकार तीनों कृषि कानून वापस लेने जा रही है. इन कानूनों के विरुद्ध किसान कई महीनों से आंदोलन कर रहे थे और उन्होंने दिल्ली के बॉर्डर पर डेरे जमा रखे थे. 

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मायावती ने कहा, "केंद्र सरकार ने विवादित कानूनों को वापस लेने की घोषणा अति देर से की, जबकि यही फैसला बहुत पहले ले लेना चाहिए था केंद्र की सरकार को, जिसके लिए देश के समस्त किसानों को हार्दिक बधाई. इसके साथ ही यदि यह फैसला केंद्र सरकार काफी पहले ही ले लेती तो देश अनेकों प्रकार के झगड़े व झंझटों से बच जाता, लेकिन अ​भी भी किसानों को उनकी उपज का समर्थन मूल्य देने संबंधि राष्ट्रीय कानून बनाने की खास मांग भी अधूरी पड़ी है. इसके लिए बीएसपी की मांग है कि केंद्र सरकार आने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में इस संबंध में कानून बनाकर किसानों की इस मांग को भी स्वीकार करे. इतना ही नहीं बल्कि बीएसपी की शुरू से ही यह मांग भी रही है कि खासकर खेती किसानी व किसानों के मामले में कोई भी नया कानून बनाने से पहले उनसे सलाह व परामर्श आदि जरूर करना चाहिए, ताकि किसी भी गैर जरूरी विवाद से बचा जा सके."

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उन्होंने आगे कहा, "मैं केंद्र सरकार से कहना चाहूंगी कि हमारी पार्टी की मांग है कि इस आंदोलन के दौरान जो किसान शहीद हो गए हैं उनके परिजनों को उचित आर्थिक मदद दें, व परिवार में से एक सदस्य को सरकारी नौकरी जरूर दे."

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