महबूबा मुफ्ती को पासपोर्ट जारी करने पर तीन महीने में फैसला करें : दिल्ली HC

न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह ने कहा कि यह मुद्दा दो साल से लंबित है और अस्वीकृति के खिलाफ एक अपील के बाद अब इसे पुनर्विचार के लिए संबंधित पासपोर्ट अधिकारी को भेज दिया गया है.

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अदालत ने कहा कि केंद्र के रुख को देखते हुए याचिका निरर्थक है और आगे किसी आदेश की आवश्यकता नहीं है.
नई दिल्ली:

दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को पासपोर्ट प्राधिकरण से पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती को नया यात्रा दस्तावेज जारी करने पर तीन महीने के भीतर फैसला लेने का निर्देश दिया.

न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह ने कहा कि यह मुद्दा दो साल से लंबित है और अस्वीकृति के खिलाफ एक अपील के बाद अब इसे पुनर्विचार के लिए संबंधित पासपोर्ट अधिकारी को भेज दिया गया है.

न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा, “यह देखते हुए कि मामला पासपोर्ट अधिकारी को वापस भेज दिया गया है और प्रारंभिक अस्वीकृति दो साल पहले हुई थी, संबंधित पासपोर्ट अधिकारी को शीघ्रता से और किसी भी स्थिति में तीन महीने के भीतर निर्णय लेने दें.”

अदालत का यह आदेश मुफ्ती की उस याचिका पर आया है, जिसमें उन्होंने नया पासपोर्ट जारी करने के संबंध में उनकी अपील पर अधिकारियों को जल्द निर्णय लेने का निर्देश देने की मांग की थी.

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने याचिका में कहा कि कई बार स्मरण-पत्र भेजे जाने के बावजूद उन्हें नया पासपोर्ट जारी करने में काफी देरी हुई. उन्होंने कहा कि उनकी अपील पर कोई फैसला नहीं लिया जा रहा है.

केंद्र सरकार के वकील ने अदालत को सूचित किया कि दो मार्च को अपील पर एक आदेश पारित किया गया था और मामला नए सिरे से विचार के लिए जम्मू-कश्मीर में पासपोर्ट अधिकारी को भेजा गया है.

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अदालत ने कहा कि केंद्र के रुख को देखते हुए याचिका निरर्थक है और आगे किसी आदेश की आवश्यकता नहीं है.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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