उत्तराखंड बाढ़ त्रासदी (Uttarakhand Rain and Flood) में मरने वालों (Deaths) की संख्या बढ़कर 46 हो गई है. राज्य के कुछ इलाकों में जहां भूस्खलन (Uttarakhand Landslide) हुआ, वहां लापता लोगों की तलाश (Search Operation) तेज की गई है. इस त्रासदी में 4000 से ज्यादा गांव प्रभावित हुए हैं, जिनमें से करीब 1000 बिजली कट जाने की वजह से अंधेरे में हैं. सबसे ज्यादा नुकसान दूर दराज के गांवों में हुआ है, जहां सड़कें टूट जाने से राहत एवं बचाव सामग्री पहुंचाने में रिलीफ एजेंसियों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. दरअसल, उत्तराखंड में बारिश थमने के बाद बाढ़ से हुई त्रासदी में लापता लोगों की तलाश तेज़ की गई है. बुधवार को नैनीताल जिले के तल्ला रामगढ में बाढ़ आपदा में मारे गए दो लोगों के शव बरामद किए गए. अब भी जिन इलाकों में भारी भूस्खलन हुआ है, वहां लापता लोगों की तलाश तेज की गई है. साथ ही बाढ़ प्रभावित दुर्गम इलाकों में सैकड़ों पर्यटक फंसे हुए हैं, जिन्हे निकलने का काम जारी है.
एनडीआरएफ आईजी अमरेंद्र सिंह सेंगर ने एनडीटीवी को जानकारी दी कि उत्तराखंड बाढ़ त्रासदी में मरने वालों की संख्या बढ़कर 46 हो गई है. आज हमने लैंडस्लाइड से प्रभावित इलाकों में कुछ बॉडी रिकवर की हैं. जिन इलाकों में लोग लापता हुए हैं, उनकी खोज जारी है. वहीं राहत बचाव के काम में तेजी के बीच उत्तराखडं के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वे किया. राज्य सरकार ने आपदा में मारे गए लोगों के परिवारजनों को 4 लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया है. इस त्रासदी में जिन बाढ़ पीड़ितों के घर टूटे हैं, उन्हें 1.9 लाख रुपये रहत के तौर पर देने का ऐलान हुआ है.
बता दें कि उत्तराखंड के अल्मोड़ा और रानीखेत के इलाके भूस्खलन और सड़कें टूटने की वजह से अब भी मेनलैंड से कटे हुए हैं. इस वजह से रानीखेत में फ्यूल की सप्लाई इमरजेंसी सेवाओं के लिए सीमित कर दी गई हैं. कई इलाकों में फोन और इंटरनेट सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं.
उत्तराखंड में बारिश से आफत, गृह मंत्री अमित शाह प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वे करेंगे