AltNews के मोहम्मद जुबैर पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे थे : पुलिस अधिकारी

मोहम्मद जुबैर के गैजेट्स वगैरह बरामद करने के सवाल पर डीसीपी ने कहा कि उन्होंने सहयोग नहीं किया और एक फॉर्मेंटेड फोन लेकर आये, जिसमें कुछ था ही नहीं. अगर आप सबूत नष्ट करके आ रहे हैं तो आप किसी न किसी सोच से आ रहे हैं, लेकिन जांच में सहयोग करना होगा.

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मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी पर पुलिस अधिकारी ने कही ये बातें...

नई दिल्ली:

फैक्ट-चैकर और ‘ऑल्ट न्यूज़' के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर को सोमवार को दिल्ली पुलिस ने धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में गिरफ्तार किया है. दिल्ली पुलिस की पहली सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) में कहा गया है कि जिस ट्वीट पर फैक्ट-चेकिंग वेबसाइट के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को सोमवार रात गिरफ्तार किया गया था, उसमें ऐसे शब्द और चित्र थे जो लोगों के बीच "अत्यधिक उत्तेजक और घृणा की भावना को भड़काने के लिए पर्याप्त से अधिक" थे. इस गिरफ्तारी पर केपीएस मल्होत्रा (डीसीपी ,IFSO) से एनडीटीवी ने बातचीत की. 

सवाल-जो मोहम्मद जुबैर का ट्वीट है वो 2018 का है, उन्होंने एक फ़िल्म का स्क्रीन शॉट्स शेयर किया है, फिर उन्हें क्यों गिरफ्तार किया?

जवाब- आप जो भी ट्विटर पर शेयर करते हैं, आप अपना व्यू न बताकर किसी और का व्यू शेयर करते हैं. उस पर आपको बचाव का अधिकार नहीं है, इसे लेकर कोर्ट के कई आदेश हैं. ट्विटर स्पेस पर कोई पुराना या नया का कांसेप्ट नहीं है. आज मैं आपके पुराने ट्वीट को रीट्वीट करवा कर उसे एम्प्लीफाई कर दूं. मैनसेरिया क्या कल्पेविलिटी क्या है, वो इम्पोर्टेन्ट है. उस हिसाब से हमने केस दर्ज किया.

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सवाल-ये भी आरोप हैं कि एक पुराने केस में मोहम्मद जुबैर को बुलाया गया और बिना नोटिस दिए उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया?

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जवाब- इस पॉइंट पर कल ज्यूडिशियल स्क्रूटिनी भी हुई है. उन्होंने ये पॉइंट कल कोर्ट में भी उठाया था जो हमारे पास सबूत थे कि हमने बिल्कुल नोटिस दिया. नोटिस देने के बाद हमने जांच ज्वाइन करवाई. इनसे पूछताछ की, पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे थे, उसके बाद अरेस्ट किया. उसके बेसिस पर एक दिन की पुलिस कस्टडी भी मिली और इन्हें ज़मानत नहीं दी गई.

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सवाल-इस मामले में आपको क्या पुख्ता सबूत मिले हैं?

जवाब-वो आज भी कोर्ट के सामने रखेंगे. हमारी टीम कस्टडी लेने के लिए गई है. कोर्ट में सबूत रखने के बाद आपसे शेयर करेंगे.

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सवाल-जो उनके गैजेट्स वगैरह हैं, वो क्या आपने बरामद कर लिए हैं?

जवाब-उन्होंने इस चीज पर सहयोग नहीं किया और एक फॉर्मेंटेड फोन लेकर आये, जिसमें कुछ था ही नहीं. अगर आप सबूत नष्ट करके आ रहे हैं तो आप किसी न किसी सोच से आ रहे हैं, लेकिन जांच में सहयोग करना होगा.

सवाल-क्या इस ट्वीट के अलावा कुछ और ऐसे ट्वीट हैं, जो जांच के दायरे में हैं?

जवाब-अभी जिस-जिस केस में जो-जो फैक्ट हैं, उसकी जांच चल रही है. कल की पूछताछ में कुछ और नए फैक्ट्स आए हैं.

सवाल-एक और बड़ा सवाल है, जो कई लोग उठा रहे हैं कि इन्हीं धाराओं में नूपुर शर्मा के खिलाफ केस दर्ज हुआ, लेकिन उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया,एकतरफा करवाई क्यों?

जवाब-देखिये उसमें 22 केस दर्ज किए हैं दिल्ली पुलिस ने,उसमें मल्टीपल सोशल मीडिया प्लेटफार्म हैं, उनकी डिटेल्स आ रही हैं अभी और हम हर केस के हिसाब से कार्रवाई कर रहे हैं तो ये कहना ठीक नहीं है. मोहम्मद जुबैर के खिलाफ 2020 में भी केस दर्ज हुआ था, उसमें उनका ट्वीट गलत नहीं था तो हमने बताया कोर्ट को.अब हमारी ही यूनिट ने उसको दूसरे केस में अरेस्ट किया है तो ट्वीट गलत है, उसमें अरेस्ट किया है. फैक्ट के आधार पर. इस केस में शिकायत करने वाले ट्विटर हैंडलर हैं, लेकिन जब ये हमारे संज्ञान में आया हमने उसकी जांच करके केस दर्ज किया,वो तो कोई भी आप भी कोई ट्वीट करें तो उसकी हम जांच करते हैं, फिर केस दर्ज होता है.
 

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