यूपी की धर्मनगरी अयोध्या (Ayodhya) में राम की पैड़ी पर बुधवार 3 अक्टूबर को नौ लाख दिये जलाने का विश्व रिकॉर्ड बनाने के बाद आस-पास के गरीब मजदूर जले हुए तेल को बटोरते दिखे. अयोध्या में सरयू की पैड़ी के 12 घाट हैं जिसमें तकरीबन 12 हजार वालंटियर्स दिवाली के कार्यक्रम में शामिल हुए थे. दिवाली के इस कार्यक्रम में 36 हजार लीटर सरसों का तेल खपने का अंदाजा है. इस तेल को बाद में शहर के गरीब लोग समेटते नजर आए. दिवाली के बाद अयोध्या नगरी में राम की पैड़ी के आसपास की गलियों से गरीब लोग बुझे दीयों के तेल को खाना पकाने के लिए अपने डिब्बे-बोतलों में भरकर ले गए हैं. उनका कहना है कि सरसों का तेल 200 रुपए लीटर है और यहां मुफ्त मिल गया है, इसलिए ले जा रहे हैं.
इन सब में होड़ लगी थी की इससे पहले की पुलिस इन्हें रोक दे, ये जल्दी-जल्दी 200 रुपये लीटर सरसों का तेल अपने बोतलों में भरकर अपने घर ले जायें.
अयोध्या के स्थानीय निवासी इंद्रसेन,जो सरयू के तट पर तेल बटोर कर ले जा रहे थे, उनका कहना है कि वो मजदूरी करते थे पर महंगाई की मार के चलते उन्हें मजदूरी नहीं मिल रही है. उन्होंने बताया कि त्योहारों के वक्त हम एक-एक रुपये के लिए रो रहे हैं, अब हम लोगों के पास, मेहनत मजदूर भी नहीं रही है.
वहीं के एक और स्थानीय निवासी राहुल से यह पूछे जाने कि वह इस तेल का क्या करेंगे? उन्होंने बताया कि, "इस तेल को पहले हम गर्म करेंगे, और जब इसका सारा तत्व निकल जाएगा और ये साफ हो जाएगा फिर हम इसे निगल लेंगे."
कहते हैं की अंधेरे के बाद रोशनी जरूर आती है लेकिन यहां ये कहना गलत नहीं होगा कि ये रोशनी के बाद का अंधेरा है. साढ़े नौ लाख दिए जलाकर हम दुनिया में नंबर एक तो बन गये लेकिन उसके बाद अयोध्या की गलियों के गरीब अब उस बुझे हुए दीयों का तेल खाना बनाने के लिए अपने घर ले जाते नजर आ रहे हैं.